हाइलाइट्स
-
शराब घोटाले मामले में हुई सुनवाई
-
अनवर ढेबर की जमानत याचिका
-
न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं ढेबर
CG Liquor Scam Case: शराब घोटाले मामले में अनवर ढेबर की जमानत याचिका को खारिज हो गई है. ढेबर फिलहाल न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं. शनिवार (4 अप्रैल) को आबकारी घोटाले में रायपुर की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई. अनवर ढेबर ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी. उधर एक और सुनवाई में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने उन्हें भी 2 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया है.
बता दें कि ED ने शुक्रवार को अनवर ढेबर की 116.16 करोड़ की 115 संपत्तियां भी अटैच की थी. तो वहीं कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा था. तीनों आरोपी 16 मई तक जेल में रहेंगे.
अनवर ढेबर ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी जिसकी सुनवाई के लिए 4 मई का दिन तय किया गया था. आज कोर्ट ने दोनों पक्षों के बीच लंबी बहस के बाद अनवर की याचिका खारिज कर दी.
ईडी ने आरोपियों की 205 करोड़ की प्रॉपर्टी की जब्त
बता दें कि केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाला मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की. मामले में आरोपियों की 205 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की गई है. जिसमें आरोपियों के आलीशान होटल और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स शामिल हैं. ये प्रॉपर्टी रायपुर शहर के स्टेशन रोड और शंकर नगर जैसे पॉश इलाके में स्थित हैं.
अटैच की गई प्रॉपर्टी की कीमत करीब 205 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ED ने इस कार्रवाई (CG Liquor Scam) की जानकारी अपने आधिकारिक X प्लेटफॉर्म में पोस्ट करके दी है. ED ने बताया कि इन प्रॉपर्टी में 18 चल और 161 अचल संपत्ति है. जो पूर्व आईएएस (IAS) अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य शराब घोटाला से जुड़े लोगों की है.
ED, Raipur has provisionally attached 18 movable and 161 immovable properties worth Rs. 205.49 Crore (approx.) belonging to Anil Tuteja, Ex-IAS, Anwar Dhebar and others in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. pic.twitter.com/wK378rPXTq
— ED (@dir_ed) May 3, 2024
क्या है शराब घोटाला मामला ?
ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था. प्रदेश में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. इस घोटाले के जरिए साल 2019-22 में 2 हजार करोड़ से अधिक के काले धन की कमाई की गई. वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामला साल 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा.
पिछली कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि CSMCL (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी की गई. राज्य (Chhattisgarh) में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया. डिस्टिलर्स (Distillers) से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की परमिशन देने के लिए घूस ली गई थी.
यह भी पढें: Chhattisgarh News: जब सब्जीवाला और दूधवाला बनकर घूमी रायपुर पुलिस, सट्टोरिए रह गए हक्के बक्के