हाइलाइट्स
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डुप्लीकेट होलोग्राम से संबंधित अहम सबूत मिले
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इंडस्ट्रीयल कम्प्यूटर का हार्ड ड्राइव बरामद
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EOW ने कई अहम दस्तावेज को भी किया बरामद
CG Liquor Scam Case Update: आबकारी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को डुप्लीकेट होलोग्राम से संबंधित अहम सबूत मिले हैं. EOW ने इस मामले में डुप्लीकेट होलोग्राम सप्लाई करने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा.लि.के स्टेट हेड दिलीप पांडे को भी गिरफ्तार किया है.
इंडस्ट्रीयल कम्प्यूटर के हार्ड ड्राइव को किया बरामद
EOW ने दिलीप पांडे से पूछताछ के बाद रायपुर के जीएसटी भवन आफिस से होलोग्राम प्रिंटिंग के सेटअप से जुड़े हुए इंडस्ट्रीयल कम्प्यूटर के हार्ड ड्राइव को बरामद किया है. इसी के साथ ही EOW के अनुसार, जिस माध्यम से डुप्लीकेट होलोग्राम के सीरियल नंबरों की छपाई की गई थी, उसे भी जब्त किया गया है.
इसके साथ ही प्रिज्म कंपनी के नोएडा स्थित मुख्यालय से डुप्लीकेट होलोग्राम छपवा कर रायपुर तक परिवहन के लिए उपयोग में आने वाले दस्तावेज को भी बरामद किया है. इसमें डुप्लीकेट होलोग्राम की संख्या और अन्य विवरण होते थे. इन दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है.
पूछताछ के दौरान, सिंडीकेट के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी के संलिप्तता की पुष्टि हुई है. जिसमें प्रिज्म होलोग्राफी के मालिक विधु गुप्ता ने 2019 से 2022 के बीच तक फर्जी होलोग्राम छत्तीसगढ़ स्थित डिस्टलरियों को उपलब्ध कराया था.
अनवर ढेबर के पिता के खेत में मिला था होलोग्राम
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस (CG Liquor Scam Case Update) में EOW ने गुरुवार 4 जुलाई को बड़ी कार्रवाई की थी. EOW की टीम ने आरोपी अनवर ढेबर के पिता के धनेली स्थित खेत में गड़ा हुआ नकली होलोग्राम का जखीरा बरामद किया है. नकली होलोग्राम को सबूत मिटाने के लिए जलाने की आशंका जताई जा रही है.
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया था. ईओडब्ल्यू आरोपी अमित सिंह, अनुराग द्विवेदी, दीपक द्वारी को पकड़ा था. गिरफ्तार अरविंद सिंह का अमित सिंह भतीजा है.
10 हजार से अधिक पन्नों का चालान कोर्ट में पेश
बता दें कि इस मामले (CG Liquor Scam Case Update) में नकली होलोग्राम का प्रयोग हुआ था. ईडी के बाद इसकी जांच एसीबी भी कर रही है. एसीबी ने हाल ही में इस मामले में 10 हजार से अधिक पन्नों का चालान भी कोर्ट में पेश किया है. अधिकारियों के मुताबिक, दोनों एजेंसियों की लंबी जांच के बाद भी अब तक नकली होलोग्राम किसी के हाथ नहीं लगा था.
बताया जा रहा है कि धनेली में जिस खेत से होलोग्राम जब्त किया गया, वह रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और अनवर ढेबर के पिता जहीर हाजी अहमद के नाम पर है. सूत्रों के मुताबिक, शराब घोटाला में ईडी के छापों के बाद ही इन होलोग्राम को जलाने की कोशिश की गई थी, जो पूरी तरह जल नहीं पाए.
नकली होलोग्राम केस क्या है?
FIR के अनुसार, नोएडा स्थित PHSF (मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) नाम की कंपनी को टेंडर दिया गया था. यह टेंडर होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने अवैध रूप से दिया था. जबकि कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी.
आरोप है कि, टेंडर के लिए आबकारी विभाग के विशेष सचिव AP त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास और तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने उसकी शर्तों में संशोधन किया. जिसके बदले में प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से लिया गया. कंपनी से बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए, ताकि प्रदेश में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेच सकें.
शराब निर्माता कंपनियों तक पहुंचता था डूप्लीकेट होलोग्राम
विधु गुप्ता टेंडर मिलने के बाद डूप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Liquor Scam Case) के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा. CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर यह सप्लाई की गई. सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य विधु गुप्ता से डूप्लीकेट होलोग्राम लेकर सीधे तीनों शराब निर्माता कंपनियों को पहुंचा देते थे.
जिसके बाद होलोग्राम को इन डिस्टलरीज में अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता और फर्जी ट्रांजिट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था. छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से फर्जी ट्रांजिट पास का काम होता था. इन दुकानों पर गैंग के कर्मचारी रहते थे.
गैंग के कर्मचारी अवैध शराब को असली शराब के साथ बेच देते थे. अवैध शराब का पैसा अलग से इकट्ठा किया जाता था. गैंग सदस्य अवैध शराब से आया पैसा अलग से कलेक्ट करते. इसके बाद पैसे को बड़े अधिकारियों के पास पहुंचाया जाता. सभी सदस्यों का कमीशन फिक्स था. आरोप है कि 2019 से 2022 तक हर महीने 400 ट्रक की अवैध शराब की सप्लाई की गई.
अनवर ढेबर पर ये आरोप
यूपी STF ने बताया है कि रायपुर का कारोबारी अनवर ढेबर राजनीतिक रूप से बहुत सक्रिय था. उसने तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, IAS निरंजनदास, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य की मदद से विधु गुप्ता की कंपनी को फर्जी तरीके से होलोग्राम देने की शर्त पर टेंडर दिलवाया. इसके साथ ही अवैध शराब को डिस्टलरी के जरिए सरकारी दुकानों से ही बिकवाकर कैश कलेक्शन कराया.
ढेबर पर अवैध शराब से आई रकम में से 300 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से कमीशन लेने का आरोप है. ढेबर इस घोटाले से जमा होने पैसे का एक बड़ा अमाउंट राजनीतिक संरक्षकों तक पहुंचाता था.
ED ने 2023 में दर्ज कराया था मामला
ED ने जुलाई 2023 में इस घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले (CG Liquor Scam Case) में नोएडा के कासना थाने में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, एपी त्रिपाठी,अनवर ढेबर और तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज निलंबित IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसके साथ-साथ PHSF के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया था.
अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने किया था बड़ा खुलासा
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम को लेकर अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने बड़ा खुलासा किया है. दोनों आरोपियों ने यूपी STF को पूछताछ में बताया था कि इस केस की सबसे बड़ी बेनिफिशरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं. जिसमें भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड और छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं.
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