Chhattisgarh liquor scam: छत्तीसगढ़ सबसे चर्चित शराब घोटाले मामले में EOW की ओर से दो दिन पहले पेश किए गए पूरक चालान में भूपेश कैबिनेट की बैठक का जिक्र है। कैबिनेट में नई लाइसेंस नीति (FL&10A/10B) को फरवरी 2020 में मंजूरी मिली, फिर आदेश भी जारी किया गया। अब इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी तेज हो गई है।
रमन सिंह बोले-कांग्रेस ने सरकार खजाने में डाका डाला
पहले जानते हैं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने क्या कहा- शुरू से लेकर अंत तक कांग्रेस सरकार ने सरकारी खजाने में डाका डालने का काम किया है। इससे बड़ा अपराध हिंदुस्तान की राजनीति में कभी नहीं हुआ है। राजनीति के क्षेत्र में हम काम करते हैं। बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन खुली किताब की तरह करप्शन भी हिम्मत का काम है। ऐसे हिम्मत वाले लोगों के बारे में सोचता हूं कि ये लोग बहुत अद्भुत हैं।
बैज ने कहा- 3% कमीशन की जांच कौन करेगा ?
डॉ. रमन सिंह के बयान पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, यह कांग्रेस को बदनाम करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि, बीजेपी सरकार में 3 प्रतिशत कमीशन की जांच कौन करेगा ? जांच एजेंसी केवल कांग्रेस के लिए है क्या ?
बैज ने कहा, एक जग 32 हजार में खरीदा जाता है, 1 लाख का टीवी 10 लाख में खरीदा जाता है।
बस्तर ओलिंपिक के नाम पर 1400 का ट्रैकसूट 2500 में खरीदा गया। 100 रुपए की चप्पल 1300 रुपए में खरीदी गई। इन सबकी जांच कौन करेगा ?
जानें, EOW के चालान में क्या है ?
कैबिनेट में FL-10A/10B लाइसेंस लागू करने मिली थी मंजूरी
EOW ने अपने चालान में लिखा है कि 1 अप्रैल 2020 से नई आबकारी नीति लागू की गई। इस नीति का तर्क दिया गया कि दुकानों में कई ब्रांड्स (Brands) की कमी की शिकायतों को दूर करने के लिए विदेशी शराब (Foreign Liquor) के सप्लाई और भंडारण के लिए नई लाइसेंस प्रणाली (FL&10A/10B) लाई जाए।
प्रस्ताव के मुताबिक, विदेशी शराब के लाइसेंसधारी (FL-10A/10B) अपने रजिस्टर्ड सप्लायर की मदिरा CSBCL के गोदामों में भंडारित करेंगे। वहीं से CSMCL को सप्लाई करेंगे।
यदि बिक्री न हो, तो CSBCL और CSMCL को शास्ति अधिरोपित (Penalty Imposed) करने का अधिकार होगा। इस प्रस्ताव को मंत्री परिषद ( Cabinet) ने 8 फरवरी 2020 को मंजूरी दी। इसके बाद 11 फरवरी 2020 को आदेश जारी हुआ।
EOW के चालान में भाटिया को 14 करोड़ मिलने का जिक्र
EOW ने मंगलवार, 26 अगस्त को रायपुर के विशेष कोर्ट में 6वां चालान पेश किया था। चालान के मुताबिक ओम साई बेवरेज से जुड़े विजय कुमार भाटिया को 14 करोड़ रुपए मिले हैं। विजय भाटिया ने अलग-अलग अकाउंट और डमी डायरेक्टरों के जरिए राशि निकाली है।
EOW की जांच के मुताबिक नेक्सजेन पावर इंजिटेक से जुड़े संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को 11 करोड़ रुपए मिले। जांच में बताया गया कि FL-10 A/B लाइसेंस व्यवस्था लागू कर सिंडिकेट ने घोटाला किया था। इस अभियोग पत्र में EOW ने कांग्रेस सरकार में घोटाला होने और घोटाले के तरीके का भी उल्लेख किया है।
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सिंडिकेट बनाकर किया गया स्कैम
EOW के अफसरों ने कोर्ट को बताया कि, जांच में सामने आया कि तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, निरंजन दास, अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह ने मिलकर सिंडिकेट बनाया और शराब घोटाला किया।
इस सिंडिकेट के नियंत्रण में शासकीय शराब दुकानों में सप्लाई पर कमीशन, डिस्टलरी से अतिरिक्त शराब निर्माण कर अवैध बिक्री और विदेशी शराब की सप्लाई पर अवैध वसूली की व्यवस्था बनाई गई थी।
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