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CG Land Demarcation Rules: जमीन सीमांकन के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्‍कर, जानिए स्टेप बाय स्टेप पूरी प्रक्रिया

Chhattisgarh Land Property Demarcation Process (Step By Step) Guide; छत्तीसगढ़ में ज्‍यादातर किसान, भू-स्‍वामी और अन्‍य लोग जिनकों अपनी जमीन का सीमांकन कराना है, लेकिन वे तहसील कार्यालयों के चक्‍कर काटते रहते हैं। इसके बाद भी उनकी जमीन, प्‍लॉट या अन्‍य कब्‍जे वाली जमीन का सीमांकन नहीं हो पाता है।

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Sanjeet Kumar
CG Demarcation Rules

CG Demarcation Rules

CG Demarcation Rules: छत्तीसगढ़ में ज्‍यादातर किसान, भू-स्‍वामी और अन्‍य लोग जिनकों अपनी जमीन का सीमांकन (CG Demarcation Rules) कराना है, लेकिन वे तहसील कार्यालयों के चक्‍कर काटते रहते हैं। इसके बाद भी उनकी जमीन, प्‍लॉट या अन्‍य कब्‍जे वाली जमीन का सीमांकन नहीं हो पाता है।

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ऐसे में एक साधारण व्‍यक्ति पटवारी, आरआई, तहसील कार्यालय के चक्‍कर काटते-काटते एक दिन थक कर अपनी जमीन की आस छोड़ देता है और सरकार से भी पूरी तरह से उम्‍मीद छोड़ देता है। ऐसे में यदि आप ये नियम जान लें तो आपको भविष्‍य में कभी भी जमीन के सीमांकन कराने में कोई समस्‍या नहीं होगी।

विवादों से बचाता है सीमांकन

बता दें कि अक्सर सीमांकन को लेकर किसान, भू-स्वामी (CG Demarcation Rules) और विभागों के बीच मतभेद पैदा होते हैं। ऐसे में जमीन का सीमांकन यानी (सीमा निर्धारण) एक अहम प्रक्रिया है, जो न सिर्फ जमीन की सही पहचान करता है, बल्कि भविष्य में विवादों से भी बचाता है। लेकिन बहुत से लोग सीमांकन की प्रक्रिया और इसके कानूनी पहलुओं से अनजान रहते हैं।

इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि छत्तीसगढ़ में जमीन के सीमांकन के नियम क्या हैं और इसे स्टेप बाय स्टेप कैसे किया जाता है-

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Demarcation Rules

क्या होता है सीमांकन (Demarcation)?

सीमांकन का तात्‍पर्य यह है कि जमीन की सीमा को विधिवत रूप से चिन्हित करना होता है। यह प्रक्रिया राजस्व विभाग करता है। ताकि यह तय किया हो सके कि कौन-सी भूमि किस व्यक्ति या संस्था की है। यह जमीन के मालिकाना हक की रक्षा करता है और कृषि, निर्माण, खरीद-फरोख्त जैसे कार्यों के लिए आधार बनता है।

कब ज़रूरत होती है सीमांकन की?

जमीन की खरीद-बिक्री के समय

भूमि विवाद की स्थिति में

पट्टा प्राप्त भूमि के उपयोग में

सरकारी योजना (जैसे पीएम आवास, आंगनबाड़ी निर्माण) के लिए भूमि चिन्हांकन

निजी या पारिवारिक बंटवारे के समय

Chhattisgarh Demarcation Rules

छत्तीसगढ़ में सीमांकन प्रक्रिया समझे स्टेप बाय स्टेप

स्टेप 1: सीमांकन के लिए आवेदन

सीमांकन के लिए संबंधित तहसील (CG Demarcation Rules) कार्यालय या लोक सेवा केंद्र (CG e-District Portal) में आवेदन देना होता है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत सीमांकन सेवा निर्धारित समय सीमा में दी जाती है।

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ऑनलाइन आवेदन के लिए CG E-District पोर्टल (https://edistrict.cgstate.gov.in) पर लॉगिन करना होता है।

क्‍या लगेंगे जरूरी दस्तावेज

आवेदन पत्र (जिसमें खसरा नंबर, गाँव का नाम आदि हो)

जमीन की खतौनी (B1)

नक्शा (P-II)

पहचान पत्र (आधार/मतदाता कार्ड)

रसीद (यदि फीस लागू हो)

स्टेप 2: फीस जमा करना

सीमांकन के लिए मामूली प्रशासनिक शुल्क लिया जाता है, जो भूमि के प्रकार और क्षेत्रफल पर निर्भर करता है।

यह शुल्क आमतौर पर तहसील ऑफिस या ऑनलाइन के माध्यम से जमा किया जा सकता है।

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स्टेप 3: सीमांकन की तिथि तय करना

पटवारी सीमांकन की तिथि तय करता है और संबंधित पक्षों को सूचना देता है।

ग्राम पंचायत या पंच की उपस्थिति में सीमांकन की प्रक्रिया की जाती है।

स्टेप 4: स्थल निरीक्षण और सीमांकन

तय तिथि पर पटवारी मौके पर पहुंचता है और जमीन का मुआयना करता है।

भूमि के चारों कोनों पर सीमांकन (CG Demarcation Rules) पत्थर (बड़े पत्थर/निशान) लगाए जाते हैं।

नक्शा और खसरा रिकॉर्ड देखकर जमीन की सीमा चिन्हित की जाती है।

यदि कोई आपत्ति होती है तो उसे मौके पर दर्ज किया जाता है।

स्टेप 5: सीमांकन रिपोर्ट और दस्तावेजीकरण

सीमांकन के बाद पटवारी एक सीमांकन पंचनामा (Demarcation Report) तैयार करता है।

इस पर ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और उपस्थित पक्षों के हस्ताक्षर लिए जाते हैं।

यह रिपोर्ट राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार को भेजी जाती है।

सीमांकन का रिकॉर्ड खतौनी में अंकित किया जाता है।

CG Rajasva Demarcation Rules

सीमांकन में आपत्ति होने पर क्या करें?

अगर किसी पक्ष को सीमांकन पर आपत्ति हो, तो वह तहसीलदार/नायब तहसीलदार के पास अपील कर सकता है।

यदि वहां से भी संतुष्टि नहीं होती, तो राजस्व बोर्ड या न्यायालय में मामला दायर किया जा सकता है।

सीमांकन में बरती जाने वाली सावधानियां

सीमांकन की तिथि पर दोनों पक्षों की मौजूदगी जरूरी होती है।

विवाद की स्थिति में स्थानीय पंचायत या गवाहों की उपस्थिति उपयोगी होती है।

झूठी जानकारी या दबाव डालना कानूनन अपराध है।

सीमांकन के दौरान फर्जी दस्तावेज देना दंडनीय अपराध है।

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कानूनी प्रावधान और अधिनियम

छत्तीसगढ़ में सीमांकन से जुड़ी प्रक्रिया इनअधिनियमों के अंतर्गत आती है-

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959

छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011

भारतीय दंड संहिता की धारा 447 (अवैध प्रवेश), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 506 (धमकी) – यदि विवाद के दौरान अपराध हो

भ्रष्‍टाचार पर अंकुश लगाने पोर्टल

सरकार द्वारा सीमांकन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा रहा है। भुइंयां पोर्टल और CG e-District जैसे प्लेटफॉर्म पर भूमि की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। इससे फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लग रहा है।

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