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Korba Fraud News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की हजारों महिलाओं को करोड़ों की ठगी का शिकार बनाने वाली फ्लोरामैक्स कंपनी (Floramax Company) के खिलाफ अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने इस बड़े घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) से कराने के निर्देश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि यह मामला गंभीर वित्तीय अनियमितता (Financial Irregularity) और आदिवासी महिलाओं के आर्थिक शोषण (Economic Exploitation of Tribal Women) से जुड़ा है। इसलिए दोषियों की संपत्तियां जब्त कर पीड़ित महिलाओं का पैसा वापस कराया जाए।
ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
इस मामले की शिकायत राज्य के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर (Nankiram Kanwar) ने 9 दिसंबर 2024 को की थी। उन्होंने आयोग को बताया था कि फ्लोरामैक्स कंपनी ने ग्रामीण महिलाओं को लोन योजना (Loan Scheme) के नाम पर ठगा।
शिकायत के अनुसार, कंपनी ने महिलाओं को 30-30 हजार रुपए का लोन दिलवाने का झांसा दिया और उनसे कुल 120 करोड़ रुपए का निवेश (Investment) करा लिया। महिलाओं को भविष्य में मुनाफे का लालच देकर कंपनी ने उनका पैसा हड़प लिया।
ननकीराम कंवर ने आयोग से अनुरोध किया था कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए और पीड़ित महिलाओं को राहत दिलाई जाए।
13 गिरफ्तार, 10 को मिली जमानत
शिकायत के बाद आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव (Chief Secretary) से रिपोर्ट मांगी। 16 अक्टूबर 2025 को हुई सुनवाई में मुख्य सचिव की ओर से बिलासपुर संभाग आयुक्त सुनील कुमार जैन (Bilaspur Commissioner Sunil Kumar Jain) ने आयोग के समक्ष पक्ष रखा।
आयुक्त ने बताया कि फ्लोरामैक्स घोटाले में अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) द्वारा बनाई गई कंपनी से जुड़े 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 10 को जमानत मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी आरोपियों की संपत्तियों की खोज (Property Tracing) कर रहे हैं और अब तक कुछ संपत्तियां बरामद भी हो चुकी हैं।
आयोग ने 30 दिनों में मांगी विस्तृत रिपोर्ट
आयोग ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट (Investigation Report) और अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करे।
साथ ही, आयोग ने यह भी कहा कि मामले में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) और न्यायालय में प्रस्तुत चालान (Charge Sheet) में अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Prevention of Atrocities Act) की धाराएं जोड़ी जाएं ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस ठगी से जुड़ी संपत्तियों को जब्त कर जल्द से जल्द महिलाओं को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया पूरी की जाए।
महिलाओं की उम्मीद- कब मिलेगा न्याय
ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उन्होंने जीवनभर की जमा पूंजी फ्लोरामैक्स में निवेश की थी। अब उन्हें न्याय और पैसा वापस मिलने की उम्मीद आयोग की सख्त कार्रवाई से जगी है। कोरबा और आसपास के इलाकों में इस ठगी से जुड़ी जांच पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।
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