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Kondagaon Girls Hostel Student Suicide: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोंडागांव (Kondagaon) जिले में शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। माकड़ी ब्लॉक (Makdi Block) के कांटागांव (Kantagaon) स्थित आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल (Tribal Girls Hostel) में 11 साल की छात्रा चंपा नेताम (Champa Netam) की लाश कमरे की खिड़की से टाई के फंदे पर लटकती मिली। छात्रा पांचवीं कक्षा की छात्रा थी और हाल ही में हॉस्टल में रहना शुरू किया था।
सुबह करीब 10 बजे जब सभी छात्राओं को भोजन के लिए बुलाया गया, तब चंपा नहीं पहुंची। जब कमरे में देखा गया, तो उसका शव खिड़की से लटका हुआ मिला। घटना की जानकारी मिलते ही माकड़ी थाना (Makdi Police Station) की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
परिजनों ने लगाया गुमराह करने का आरोप
परिजनों ने हॉस्टल प्रबंधन (Hostel Management) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पहले बच्ची के बेहोश होने की झूठी सूचना दी गई। बाद में दोपहर 12 बजे उन्हें असल घटना के बारे में बताया गया। गांव के सरपंच मोतीराम मरकाम (Motiram Markam) ने बताया कि अगर समय पर सही सूचना दी जाती तो शायद बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
परिवार और ग्रामीणों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच (High-Level Inquiry) की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और निगरानी की कमी के कारण ही ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम (SDM) अजय उरांव, तहसीलदार और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम (Postmortem) के लिए भेजा गया और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एसडीएम अजय उरांव ने कहा कि छात्रा अपनी टाई से लटकी हुई पाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह आत्महत्या (Suicide) है या कोई और कारण।
विभाग ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारी (Kripendra Tiwari) ने कहा कि यह घटना स्कूल समय के दौरान हुई है, जो जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बार-बार सवालों के घेरे में आदिवासी छात्रावास
आदिवासी छात्रावासों (Tribal Hostels) में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इससे आदिवासी विकास विभाग (Tribal Welfare Department) की निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। परिजन अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।
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