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CG Sugarcane Farmers Diwali Bonus
हाइलाइट्स
गन्ना किसानों को मिला दिवाली बोनस
5.98 करोड़ सीधे खातों में भेजे
ग्रामीण बाजारों में लौटी रौनक
CG Sugarcane Farmers Diwali Bonus : छत्तीसगढ़ में दीपावली से ठीक पहले किसानों को आर्थिक मजबूती देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। कबीरधाम जिले के हजारों गन्ना उत्पादक किसानों को राज्य सरकार ने कुल ₹5 करोड़ 98 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है। यह राशि वर्ष 2024-25 के पेराई सत्र के लिए मंजूर की गई है और इसे प्रति क्विंटल ₹39.90 की दर से वितरित किया गया है। शासन की इस पहल को किसानों ने "दीपावली से पहले मिला सुनहरा तोहफा" बताया है, जिससे पूरे अंचल में उत्साह और उल्लास का माहौल बन गया है।
किसानों को सीधा लाभ
यह आर्थिक सहायता सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, पंडरिया को प्राप्त हुई है। शासन से धनराशि मिलने के बाद, कारखाना प्रबंधन ने इसे 7,658 गन्ना उत्पादक किसानों के खातों में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भेजने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि किसानों को बिना किसी देरी और बिचौलियों के हस्तक्षेप के सीधे आर्थिक लाभ मिले।
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CG Sugarcane Farmers Diwali Bonus[/caption]
किसानों के लिए 'दीपावली बोनस'
दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार से पहले जब ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च बढ़ जाता है, ऐसे समय पर यह आर्थिक मदद किसानों के लिए किसी बोनस से कम नहीं है। लंबे समय से भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे किसानों को समय पर यह राशि मिलना उनकी खुशहाली और आत्मसम्मान दोनों के लिए अहम है। यह पहल केवल एक वित्तीय निर्णय नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का एक प्रयास है।
विधायक भावना बोहरा ने जताई प्रतिबद्धता
पंडरिया क्षेत्र की विधायक भावना बोहरा ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि ही उनकी राजनीति की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार की किसान-केंद्रित सोच और जिम्मेदारीपूर्ण शासन का परिणाम है। भावना बोहरा ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भी किसानों के हित में इसी तरह की योजनाएं सरकार लाती रहेगी।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली गति
सरकार की यह स्कीम न केवल किसानों के लिए राहत है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी ऊर्जा का काम कर रही है। जब किसानों के पास धन आता है, तो वे स्थानीय बाजारों से खरीदारी करते हैं, जिससे दुकानदारों, कारीगरों और अन्य छोटे व्यवसायों को भी लाभ होता है। इससे गांवों में त्योहारी रौनक लौटती है और आर्थिक चक्र तेजी से घूमता है।
कारखाना प्रबंधन ने निभाई जिम्मेदारी
शक्कर कारखाना प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इस साल प्रोत्साहन राशि के वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई। किसानों को समय पर भुगतान मिलना केवल नैतिक जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि उत्पादन प्रणाली की स्थिरता के लिए भी जरूरी है। इस प्रयास से किसानों का भरोसा संस्थानों पर और अधिक मजबूत हुआ है।
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