हाइलाइट्स
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अगले 2 दिन बारिश कम
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कई जिलों में वज्रपात अलर्ट
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रायपुर में गरज-चमक संग बौछारें
CG ka Mausam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Weather Update) में बीते 24 घंटों के दौरान कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा (Light to Moderate Rainfall) दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, अब अगले दो दिनों में पूरे प्रदेश में वर्षा की तीव्रता और वितरण में कमी आने की संभावना है। हालांकि कई जिलों में मेघगर्जन और आकाशीय बिजली (Thunderstorm & Lightning) की आशंका बनी हुई है।
पिछले 24 घंटे का मौसम और वर्षा के आंकड़े
मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिन सबसे अधिक अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस रायपुर में और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में दर्ज किया गया।
वर्षा के प्रमुख आंकड़ों में करतला में 3 सेमी, दंतेवाड़ा, बास्तानार, बेलरगांव, मैनपुर और भनपुरी में 2 सेमी, जबकि तखतपुर, बीजापुर और दुर्गकोंदल में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
अगले दो दिन का पूर्वानुमान और चेतावनी
मौसम विभाग का कहना है कि रविवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश (Rainfall Forecast) हो सकती है। जबकि अगले 48 घंटों के बाद प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ मेघगर्जन और वज्रपात (Thunderstorm with Lightning) की संभावना जताई गई है।
रायपुर शहर में 7 सितंबर को आसमान सामान्यतः मेघमय रहेगा और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
किन जिलों में सतर्क रहना जरूरी
मौसम विभाग ने रायपुर, दुर्ग, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव, बालोद, गरियाबंद, बलौदा बाजार, बिलासपुर, जशपुर, कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर समेत 20 से अधिक जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और अचानक तेज हवा (30-40 kmph Wind Speed) चलने की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान खेतों और खुले स्थानों पर जाने से बचें तथा आकाशीय बिजली से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।
सिनोप्टिक सिस्टम और मानसून की स्थिति
वर्तमान में मानसून द्रोणिका (Monsoon Trough) जैसलमेर से होते हुए मध्य भारत और बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। दक्षिण राजस्थान पर बने सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण के कारण छत्तीसगढ़ समेत मध्य भारत में मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। वहीं, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे ओडिशा-आंध्र तट पर भी ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जिसके असर से राज्य के कई हिस्सों में बारिश की स्थिति बनी हुई है।