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जांजगीर-चांपा में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी: बीईओ एमडी दीवान निलंबित, वरीयता सूची में लापरवाही का आरोप

CG BEO Suspended: जांजगीर-चांपा में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी, बीईओ एमडी दीवान निलंबित, वरीयता सूची में लापरवाही का आरोप

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Harsh Verma
CG BEO Suspended

CG BEO Suspended: जांजगीर-चांपा ज़िले के बम्हनीडीह ब्लॉक में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Teacher Rationalization) के तहत हुई एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) एमडी दीवान (MD Diwan) को कर्तव्य में लापरवाही (dereliction of duty) के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। यह कार्रवाई संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग, बिलासपुर संभाग की ओर से की गई है।

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गड़बड़ी वरीयता सूची में हुई, काउंसलिंग में बाधा

मामले की शुरुआत तब हुई जब शिक्षकों की वरीयता सूची (Seniority List) में गड़बड़ी पाए जाने की शिकायतें सामने आईं। आरोप है कि बीईओ एमडी दीवान ने अतिशेष शिक्षकों (Excess Teachers) के चिन्हांकन में लापरवाही बरती और सूची तैयार करने में नियमों का पालन नहीं किया। इससे काउंसलिंग प्रक्रिया (Counseling Process) प्रभावित हुई और शिक्षकों को सही स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सका।

जब ज्वाइंट डायरेक्टर ने सूची की समीक्षा कराई, तब इसमें अनियमितता (Irregularity) पाई गई। इसके बाद सूची को फिर से तैयार कर काउंसलिंग कराई गई। लेकिन तब तक बीईओ दीवान की भूमिका सवालों के घेरे में आ चुकी थी।

निलंबन के साथ मुख्यालय बदला, मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता

बिलासपुर संभाग आयुक्त कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, बीईओ एमडी दीवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनका नया मुख्यालय संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग, बिलासपुर संभाग कार्यालय को निर्धारित किया गया है। निलंबन की अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) मिलेगा।

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शिक्षा विभाग की साख पर फिर उठा सवाल

इस मामले ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग (Chhattisgarh Education Department) की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की मंशा भले ही शिक्षकों का सही तरीके से युक्तियुक्तकरण करने की हो, लेकिन इस तरह की लापरवाही नीति क्रियान्वयन को कमजोर करती है। जानकारों का मानना है कि इस तरह की अनियमितताओं पर सख्त और त्वरित कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में पारदर्शिता बनी रहे।

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