Chhattisgarh (CG) High Court Bomb Threat: छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील और सुरक्षित इलाकों में से एक, बिलासपुर हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से मंगलवार को पूरे सिस्टम में हड़कंप मच गया। यह धमकी सीधे हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर एक ईमेल के जरिए दी गई, जिसमें कोर्ट परिसर में अमोनियम सल्फर बेस्ड आईईडी लगाने की बात कही गई थी। जैसे ही यह ईमेल कोर्ट प्रशासन को मिला, तुरंत इसकी जानकारी प्रोटोकॉल अफसर द्वारा पुलिस अधिकारियों को दी गई और पूरे इलाके को घेरकर सघन जांच अभियान शुरू कर दिया गया।
कोर्ट परिसर में मौजूद थे जज, वकील और पक्षकार
मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में समर वेकेशन के बाद कामकाज की शुरुआत हुई थी। इस दौरान कोर्ट परिसर में जजों के साथ वकील और पक्षकार भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। ऐसे में धमकी भरे मेल (CG High Court Bomb Threat) की खबर मिलते ही अफरातफरी मच गई। सुरक्षा व्यवस्था को तुरंत सख्त कर दिया गया और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए कोर्ट परिसर को खाली करा लिया गया। बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की मदद से परिसर की गहन जांच की गई, लेकिन राहत की बात ये रही कि वहां से कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिला।
ईमेल भेजने वाले ने इसे बताया ‘पवित्र मिशन’
जो ईमेल हाईकोर्ट को भेजा गया, वह न केवल धमकी भरा था, बल्कि उसमें संवेदनशील मुद्दों का भी उल्लेख किया गया था। मेल ‘[email protected]’ नामक आईडी से भेजा गया, जिसमें अजमल कसाब को फांसी दिए जाने और कुछ व्यक्तियों की हिरासत को लेकर नाराजगी जताई गई। ईमेल में इस धमकी को एक ‘पवित्र मिशन’ बताया गया और दावा किया गया कि हाईकोर्ट परिसर में आईईडी लगाए गए (CG High Court Bomb Threat) हैं।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
बिलासपुर के एसएसपी रजनेश सिंह ने जानकारी दी कि जैसे ही यह मेल मिला, पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गई। बम डिटेक्शन इक्विपमेंट्स और स्निफर डॉग्स के साथ पुलिस टीम ने हाईकोर्ट परिसर की तलाशी ली। हालांकि, जांच के दौरान कोई भी विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला है। फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज कर ली गई है और सभी तकनीकी एंगल से जांच की जा रही है कि यह मेल किसने और कहां से भेजा।
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धमकी के पीछे कौन? जांच में जुटी साइबर टीम
पुलिस अब ईमेल की आईडी और उसके डिजिटल ट्रेस की जांच में जुट गई है। साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह मेल किस सर्वर से भेजा गया और इसके पीछे किस संगठन या व्यक्ति की मंशा है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह किसी मानसिक रूप से अस्थिर या असामाजिक तत्व की हरकत हो सकती है, लेकिन जब तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आ जाती, हर एंगल से जांच की जा रही है।
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