Advertisment

छत्तीसगढ़ HC का बड़ा फैसला: संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश, कहा- चार महीने में करें रेगुलर

CG HC Employees Regularization Order: छत्तीसगढ़ HC का बड़ा फैसला, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश, कहा- चार महीने में करें रेगुलर

author-image
Harsh Verma
CG HC Employees Regularization Order

हाइलाइट्स

  • NIT कर्मचारियों को हाईकोर्ट से राहत
  • संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश
  • 4 माह में नियमित करने का आदेश
Advertisment

CG HC Employees Regularization Order: बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने NIT रायपुर (NIT Raipur) में संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को चार महीने के भीतर नियमित करने का आदेश दिया है।

जस्टिस एके प्रसाद (Justice AK Prasad) की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 10-16 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों के पास पर्याप्त अनुभव है, इसलिए उन्हें उसी पद पर नियमित किया जाए।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को एरियर्स भुगतान: पंचायत विभाग ने पेमेंट से पहले दिए जांच के आदेश, 7 बिंदुओं पर मांगी जानकारी

Advertisment
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का दिया हवाला

याचिकाकर्ताओं नीलिमा यादव (Neelima Yadav), रश्मि नागपाल (Rashmi Nagpal) व 40 अन्य कर्मचारियों ने वकील दीपाली पांडेय (Dipali Pandey) के माध्यम से याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि NIT को नियमों में बदलाव कर कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए।

कर्मचारियों ने क्या दलील दी?

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वे 10-16 वर्षों से कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति विज्ञापन, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद हुई थी। न्यायाधीश एके प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों को पर्याप्त अनुभव है, इसलिए उन्हें इसी पद पर नियमित किया जाए।

NIT प्रशासन की दलील

NIT के वकील ने कहा कि नियमों में नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ कर्नाटका बनाम उमा देवी, विनोद कुमार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया जैसे मामलों का हवाला दिया।

Advertisment

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ी मिसाल कायम हुई है। यह फैसला अन्य विभागों पर भी प्रभाव डाल सकता है।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कैग रिपोर्ट से खुलासा: नगर निकायों में 370 करोड़ की अनियमितता, अंबिकापुर निगम को मिली सराहना

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें