Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के खिलाफ दायर चुनाव याचिका (Election Petition) को खारिज करने की उनकी तकनीकी आपत्ति को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका में पर्याप्त तथ्यों और सामग्री की मौजूदगी है, इसलिए इसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के पाटन विधानसभा क्षेत्र (Patan Assembly) से कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी और दुर्ग सांसद विजय बघेल (Vijay Baghel) ने एक चुनाव याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) और चुनाव आयोग (Election Commission) के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
भ्रष्ट आचरण के आरोप, दस्तावेज़ भी पेश किए
याचिका में यह भी कहा गया कि भूपेश बघेल ने चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण (Corrupt Practices) अपनाए। इस संबंध में याचिकाकर्ता विजय बघेल ने कोर्ट में साक्ष्य और दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने मांग की है कि भूपेश बघेल का निर्वाचन रद्द किया जाए।
भूपेश बघेल की आपत्तियों को कोर्ट ने किया खारिज
पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से कोर्ट में याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज करने की अपील की गई थी। उन्होंने कहा कि याचिका में कानूनी खामियां हैं, इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट के जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि याचिका में पर्याप्त सामग्री है और सुनवाई जारी रहनी चाहिए।
अब क्या होगा आगे?
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जून 2025 की तारीख तय की है। यह मामला राज्य की राजनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यदि याचिका में लगाए गए आरोप साबित होते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री की विधायकी भी खतरे में पड़ सकती है।
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