CG GPM Newborn Death Case: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के निमधा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूता और उसके नवजात की मौत हो गई। यह घटना स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही के कारण हुई है। मामले की जांच के बाद एएनएम पुष्पाजलि राठौर को निलंबित (CG GPM Newborn Death Case) कर दिया गया है।
मामला जिले के आदिवासी बहुल्य क्षेत्र मरवाही के निमधा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र (CG GPM Newborn Death Case) का है। खुरपा गांव की रहने वाली प्रसूता बुधवारिया बाई भैना को सुरक्षित प्रसव के लिए उसके परिजन 10 फरवरी को सुबह 10 बजे उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। हालांकि, अस्पताल में पदस्थ नर्स पुष्पाजलि राठौर और स्टाफ ने प्रसूता को 19 घंटे तक अस्पताल में रखा। जब प्रसूता को अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा, तो कुछ घंटे तक इंजेक्शन और दवाइयां दी गईं, लेकिन उसे समय रहते जिला अस्पताल नहीं भेजा गया।
जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही हुई मौत
जब स्वास्थ्यकर्मियों को एहसास हुआ कि प्रसूता (CG GPM Newborn Death Case) की जान जा सकती है, तो उन्होंने 19 घंटे बाद उसे जिला अस्पताल भेजने की सलाह दी। हालांकि, रात 3 बजे सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों ने निजी वाहन से प्रसूता को जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे बाद ही प्रसूता की मौत हो गई। चिकित्सकों ने मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव बताया।
जांच के बाद नर्स निलंबित
इस घटना की खबर मीडिया (CG GPM Newborn Death Case) में प्रमुखता से प्रकाशित हुई, जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में नर्स पुष्पाजलि राठौर की लापरवाही सामने आई, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया।
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परिजनों पर गहरा सदमा
जच्चा-बच्चा की मौत से प्रसूता के परिवार पर गहरा सदमा छा (CG GPM Newborn Death Case) गया है। परिजनों का आरोप है कि यदि समय रहते प्रसूता को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया जाता, तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।
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