रायपुर। DMF Policy: नई सरकार ने सरकारी खर्च कम करने के लिए नई पॉलिसी के तहत काम करना शुरु कर दिया है। बुधवार को शासन की ओर से इस संबंध में दो आदेश भी जारी किए गए हैं। आदेश में बड़े प्रोजेक्ट्स के फंड पर फिर से अनुमति लेने की बात कही है।
इसके साथ ही DMF (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) पर सरकार ने रोक लगा दी है।
DMF परिषद फिर से बनेगी
जारी किए किए आदेश में कहा गया है कि DMF के पैसों से होने वाले काम जो अब तक शुरू नहीं हुए हैं, उनकी फिर से मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी लेने के लिए DMF परिषद नए सिरे से बनाई जाएगी। नई DMF Policy के अनुसार, शासी परिषद की बिना प्रशासकीय अनुमति के कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं होगा।
ये आदेश तमाम विभागों के प्रमुख, संभाग आयुक्त और कलेक्टर को भेजा गया है। इसमें खर्च में कमी की बात कही गई है।
जो कार्य शुरु नहीं हुए उनकी परमिशन फिर से
सरकार ने आदेश में कहा है कि ऐसे निर्माण कार्य जो शुरु नहीं हुए हैं उनके लिए फिर से वित्त विभाग की परमिशन लेनी होगी। विभागीय गतिविधियों के संचालन के लिए सिर्फ जरूरी चीजों की ही खरीदारी होगी। यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रोजेक्ट या केंद्र सरकार के फंड वाले कामों पर लागू नहीं होगा।
खनिज साधन विभाग ने छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि जिला खनिज संस्थान न्यास से स्वीकृत कार्य जो प्रारंभ नहीं हुए हैं, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। जो काम शुरू नहीं हुए उनकी पुनः समीक्षा होगी। DMF परिषद के अनुमोदन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
डीएमएफ क्या है?
जहां तक DMF Policy की बात है, तो जिला खनिज फाउंडेशन, या डीएमएफ, एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट है जो खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हितों और लाभ में काम करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) (एमएमडीआर) संशोधन अधिनियम, 2015 के तहत गठित किया था।
डीएमएफ के लिए धनराशि जिला स्तर पर एकत्र की जाती है। सभी राज्यों के डीएमएफ नियमों में, कुछ उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की जाती है, जो डीएमएफ फंड का कम से कम 60 प्रतिशत पाने के हकदार हैं।
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