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Gariaband Teak Smuggling: गरियाबंद जिले के उदंती-सीता अभयारण्य (Udanti-Sitanadi Sanctuary) में सागौन तस्करों के खिलाफ वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। लंबे समय से ओडिशा के तस्कर फिल्म ‘पुष्पा’ (Pushpa) की तरह नदी के बहाव का इस्तेमाल कर लकड़ी की तस्करी कर रहे थे। वे सागौन के लठ्ठों को जोड़कर नदी में बहा देते थे, जिन्हें ओडिशा सीमा के पास जाकर निकाल लिया जाता था।
लेकिन इस बार विभाग की सजगता से उनका यह चालाकी भरा तरीका भी नाकाम हो गया। अभयारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन (Varun Jain) को गुप्त सूचना मिली थी कि दक्षिण उदंती इलाके में नदी के रास्ते अवैध सागौन भेजा जा रहा है। सूचना मिलते ही विभाग ने रणनीतिक घेराबंदी की योजना बनाई।
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विभाग की योजना सफल, नदी में कूदी टीम
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जैसे ही तस्करों ने टीम को आता देखा, वे वहां से भाग निकले। लेकिन वनकर्मियों ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी और बहते हुए सागौन के लठ्ठों को पकड़ लिया। विभाग की इस त्वरित कार्रवाई से तस्करों के मंसूबों पर पानी फिर गया।
मौके से भारी मात्रा में सागौन लकड़ी बरामद की गई। जांच में सामने आया है कि तस्कर चार-चार लठ्ठों को जोड़कर नदी में बहाते थे ताकि वे सीमा पार पहुंच जाएं।
ओडिशा के तस्कर निशाने पर, पहचान जारी
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उपनिदेशक वरुण जैन (Varun Jain) ने बताया कि मौके से कई सागौन लठ्ठे जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि सभी आरोपी ओडिशा (Odisha) के रहने वाले हैं। वन विभाग की टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं।
पिछले दो सालों में अभयारण्य प्रशासन ने ओडिशा से जुड़े लकड़ी और वन्यजीव तस्करों के खिलाफ 20 से ज्यादा ऑपरेशन चलाए हैं। इनमें 80 से अधिक आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और लाखों रुपए की लकड़ी जब्त की गई है।
सीमावर्ती निगरानी और नदी मार्ग पर मॉनिटरिंग जारी
अभयारण्य प्रशासन ने बताया कि अब सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सख्त की जाएगी। साथ ही नदी मार्ग की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि इस तरह की घटनाओं को दोबारा अंजाम न दिया जा सके।
यह कार्रवाई वन विभाग की सतर्कता का उदाहरण है, जिससे साबित होता है कि जंगलों की सुरक्षा अब और मजबूत की जा रही है।
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