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दुर्ग के सरकारी अस्पताल में मरीज को चढ़ाई एक्सपायरी ग्लूकोज की डिप: शरीर में जलन के बाद मामला आया सामने, जांच के आदेश

Durg Hospital Negligence: दुर्ग के सरकारी अस्पताल में मरीज को चढ़ाई एक्सपायरी ग्लूकोज की डिप, शरीर में जलन के बाद मामला आया सामने, जांच के आदेश

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Harsh Verma
Durg Hospital Negligence

Durg Hospital Negligence: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल (Lal Bahadur Shastri Hospital) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अस्पताल में एक बेहद चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है, जहां एक मरीज को नर्स ने एक्सपायरी डेक्सट्रोज (Expired Dextrose) की डिप चढ़ा दी। मामला तब सामने आया जब मरीज के शरीर में असहज जलन होने लगी और परिजनों ने दवा की जांच की।

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मरीज के शरीर में जलन के बाद सामने आया मामला

छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही, मरीज को चढ़ा दी एक्सपायरी दवाई

जानकारी के मुताबिक, छावनी निवासी दीपक कुमार रविवार रात अपने रिश्तेदार से मिलने आया था। अचानक चक्कर और शरीर में दर्द की शिकायत पर उसे सुपेला अस्पताल लाया गया, जहां डॉ. मंजू राठौर की ड्यूटी थी। डॉक्टर ने दीपक को जनरल वार्ड में भर्ती कर डेक्सट्रोज की डिप लगाने का निर्देश दिया। नाइट ड्यूटी पर तैनात नर्स ने मेडिकल स्टोर से डिप उठाई और बिना जांच के मरीज को लगा दी।

सुबह होते ही दीपक को जलन महसूस हुई और उसने परिजनों को सूचना दी। जीजा अनिल सिंह ने डिप की बोतल की जांच की तो पाया कि वह फरवरी 2025 तक एक्सपायर हो चुकी थी, जबकि दवा का बैच नंबर 1221910 और मैन्युफैक्चरिंग डेट मार्च 2022 थी। अनिल ने तुरंत वीडियो और फोटो सबूत इकट्ठा कर नर्स को दिखाया, तब जाकर उसने गलती स्वीकार की।

डॉक्टर का गैरजिम्मेदाराना बयान और परिजनों का आक्रोश

परिजन जब इस गंभीर लापरवाही की शिकायत लेकर डॉ. मंजू के पास पहुंचे तो उन्होंने लापरवाही स्वीकार करने के बजाय कहा – “मरीज मरा तो नहीं ना, ऐसी गलती हो जाती है।” इस बयान से परिजनों में आक्रोश और बढ़ गया।

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अस्पताल प्रबंधन ने दिए जांच के आदेश

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीयाम सिंह ने इस मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के स्टोर में तीन स्तर की जांच के बाद ही दवाएं भेजी जाती हैं। ऐसे में एक्सपायरी दवा कैसे मरीज तक पहुंची और नर्स ने बिना चेक किए कैसे उसे लगा दिया, यह गहन जांच का विषय है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस बात की भी जांच होगी कि CGMSC (Chhattisgarh Medical Services Corporation) से मिली दवा में कहीं किसी प्रकार की गलत लेबलिंग या स्टॉकिंग की गड़बड़ी तो नहीं हुई।

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