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CG D.El.Ed-B.Ed Admission 2025
हाइलाइट्स
बीएड-डीएलएड में 33% एडमिशन
दूसरी मेरिट लिस्ट आज जारी
18 सितंबर से एडमिशन शुरू
CG D.El.Ed-B.Ed Admission 2025: छत्तीसगढ़ में बीएड (B.Ed Admission 2025) और डीएलएड (D.El.Ed Admission 2025) कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। राज्य स्तर पर चल रही काउंसलिंग के पहले राउंड की पहली मेरिट लिस्ट (First Merit List) से अब तक सिर्फ 33 फीसदी सीटें ही भरी जा सकी हैं। कुल 21 हजार सीटों का आवंटन हुआ था, लेकिन अब तक केवल 7 हजार अभ्यर्थियों ने ही एडमिशन लिया। इससे 14 हजार से ज्यादा सीटें अभी खाली पड़ी हैं।
बीएड में 9700 सीटें खाली
इस साल छत्तीसगढ़ के विभिन्न कॉलेजों में B.Ed की 14,400 सीटें उपलब्ध हैं। पहले राउंड में 22 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और सभी सीटों का आवंटन कर दिया गया। इसके बावजूद, सिर्फ 4700 अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया, जबकि 9700 सीटें खाली रह गईं। यानी पहले राउंड की पहली लिस्ट में बीएड की केवल 33% सीटें भरीं।
डीएलएड में 6660 सीटों पर सिर्फ 2450 एडमिशन
इसी तरह D.El.Ed की 6660 सीटों पर भी सभी आवंटन तो किए गए, लेकिन अब तक केवल 2450 छात्रों ने एडमिशन लिया। लगभग 4200 सीटें खाली रह गईं। इस हिसाब से डीएलएड में पहले राउंड की पहली लिस्ट में 37 फीसदी एडमिशन हुए और 63 फीसदी सीटें खाली हैं।
आज आएगी दूसरी मेरिट लिस्ट
शिक्षा विभाग के अनुसार, आज 17 सितंबर को दूसरी मेरिट लिस्ट (Second Merit List 2025) जारी होगी। इसके बाद 18 सितंबर से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बार प्रवेश काउंसलिंग की व्यवस्था भी बदली गई है। पहले प्रत्येक चरण में केवल दो मेरिट लिस्ट (Merit Lists) जारी होती थीं, लेकिन इस साल दोनों राउंड में तीन-तीन लिस्ट जारी की जाएंगी।
नई व्यवस्था से क्या बदल जाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि नई व्यवस्था (New Counseling Process) से छात्रों को ज्यादा मौके मिलेंगे। पहले जिन छात्रों का नाम पहली लिस्ट में नहीं आता था या जिनकी सीट कन्फर्म नहीं होती थी, वे अगले राउंड तक इंतजार करने को मजबूर होते थे। अब तीन-तीन लिस्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा छात्रों को एडमिशन का अवसर मिलेगा।
खाली सीटों ने बढ़ाई चिंता
हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने से शिक्षा विभाग भी चिंतित है। शिक्षाविदों का कहना है कि छात्रों का रुझान अब नौकरीपरक कोर्स (Job-Oriented Courses) की ओर ज्यादा बढ़ रहा है। इसके बावजूद बीएड और डीएलएड जैसे शिक्षण प्रशिक्षण कोर्स की सीटें खाली रहना शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर संकेत है।
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