CG Daily Wage Rules: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र में पिछले 20 सालों काम कर रहे दैनिक वेतन कर्मचारी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट (CG Daily Wage Rules) ने कर्मचारी की सेवाओं को नियमित करने की मांग वाली याचिका स्वीकार कर ली है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की स्थिति और अन्य समान कर्मचारियों की तुलना का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अगर याचिकाकर्ता भी उन्हीं मापदंडों पर खरा उतरता है, जिनके आधार पर अन्य दैनिक वेतनभोगियों को नियमित किया गया था, तो उसकी सेवाएं भी उसी तिथि से नियमित की जाएं।
याचिकाकर्ता ने दी पूरी जानकारी
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह 20 वर्षों से अधिक समय से औषधालय सेवक के पद पर दैनिक वेतनभोगी (CG Daily Wage Rules) के रूप में कार्यरत है और उसके पास इस पद के लिए सभी आवश्यक योग्यताएं मौजूद हैं। उसने नियमित नियुक्ति के लिए संबंधित अधिकारियों को विस्तृत अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किया था।
सर्कुलर के अनुसार वंचित करना भेदभाव
याचिकाकर्ता ने अपना जो तर्क दिया है, उसमें बताया कि छत्तीसगढ़ (CG Daily Wage Rules) सरकार के द्वारा 5 मार्च 2008 को एक सर्कुलर जारी किया था। उसके अनुसार कई अन्य दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की गई थीं। जबकि उसको वंचित करना उसके साथ भेदभाव है। यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 की अवमानना है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले (नरेंद्र कुमार तिवारी बनाम झारखंड राज्य) का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि 10 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जानी चाहिए, जब तक उनके खिलाफ कोई गंभीर आपत्ति न हो।
हाईकोर्ट ने अधिकारियों को मूल्यांकन के लिए दिया आदेश
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए प्रतिवादी अधिकारियों (CG Daily Wage Rules) को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता की स्थिति की तुलना उन्हीं कर्मचारियों से करें जिनकी सेवाएं नियमित की गई थीं। यदि समानता पाई जाती है, तो उसकी सेवाओं को भी उसी तिथि से नियमित किया जाए।
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