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हाइलाइट्स
धर्मांतरण पर पूर्ण रोक के निर्देश
नशा तस्करी पर जीरो टॉलरेंस
साइबर अपराध पर जागरूकता अभियान
CG Collector-SP Conference : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में आयोजित कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शासन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बीच प्रदेश की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक मजबूती को लेकर व्यापक समीक्षा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने कड़े तेवर दिखाते हुए कई जिलों के एसपी और कलेक्टरों पर नाराजगी जाहिर की और स्पष्ट शब्दों में कहा कि एसपी के जूतों की धमक शहर तक महसूस होनी चाहिए, ताकि अपराधियों में खौफ और आम नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास कायम हो।
प्रशासनिक तालमेल की कमी पर फटकार
मुख्यमंत्री ने खासतौर पर कोरबा, राजनांदगांव, धमतरी और महासमुंद जिलों के पुलिस अधीक्षकों के कामकाज पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि जब कलेक्टर और एसपी के बीच बेहतर समन्वय नहीं होता, तो बलौदाबाजार जैसी घटनाएं जन्म लेती हैं। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि छोटे अपराधों को अगर समय पर नहीं रोका गया, तो वही आगे चलकर बड़े अपराध का रूप ले लेते हैं। उन्होंने अफसरों को चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था से जुड़े किसी भी मामले में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धर्मांतरण और चंगाई सभाओं पर सीधा वार
धार्मिक रूपांतरण के बढ़ते मामलों पर भी मुख्यमंत्री साय ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चंगाई सभाओं के नाम पर हो रहे धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जाए और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी इस मुद्दे पर महासमुंद एसपी को जमकर फटकार लगाई और चालान में देरी पर नाराजगी जताई।
NCORD के तहत चलेगा अभियान
सीएम साय ने मादक पदार्थों की तस्करी को राज्य के लिए एक गहरी चुनौती बताते हुए कहा कि नशा न केवल युवाओं को बर्बाद करता है, बल्कि अपराधों की जड़ भी यही है। उन्होंने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने के निर्देश दिए और सीमावर्ती जिलों में तस्करी पर रोक लगाने की रणनीति अपनाने को कहा। साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत त्वरित और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया।
सीमावर्ती इलाकों में STF को सक्रिय करने के निर्देश
प्रदेश में बाहरी घुसपैठ को लेकर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने इस पर नजर रखने के लिए विशेष टास्क फोर्स (STF) का गठन कर दिया है। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में सघन चेकिंग और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि घुसपैठ न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक असंतुलन भी उत्पन्न करती है।
यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्ती
कॉन्फ्रेंस में सड़क सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए हेलमेट, सीट बेल्ट और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें ठीक करने, रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध, और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आवारा पशुओं से हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भी प्रशासन को चेताया गया।
साइबर अपराध बना नई चुनौती
बैठक में साइबर अपराध को आधुनिक युग का सबसे खतरनाक अपराध बताते हुए इसे रोकने के लिए पुलिस बल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की आवश्यकता जताई गई। सीएम ने हर जिले में साइबर जागरूकता अभियान चलाने और साइबर हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ठगी, फिशिंग और अन्य डिजिटल धोखाधड़ी से लोगों को बचाना अब पुलिस की अहम जिम्मेदारी है।
माओवादी आत्मसमर्पण और पुनर्वास पर संवेदनशील रुख
माओवाद प्रभावित इलाकों को लेकर सीएम साय ने पुनर्वास नीति पर बात करते हुए कहा कि आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और सम्मानजनक जीवन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इससे न केवल उनका पुनर्वास होगा, बल्कि भविष्य में युवाओं को माओवाद की ओर जाने से रोका जा सकेगा।
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"टीम भावना और पारदर्शिता ही CG की असली नींव"
सीएम साय ने कहा कि प्रशासनिक सफलता केवल योजनाओं के निर्माण से नहीं होती, बल्कि उसे लागू करने वाले अधिकारियों की ईमानदारी, संवेदनशीलता और पारदर्शिता पर निर्भर करती है। उन्होंने अफसरों को “टीम भावना” के साथ काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि साझा उत्तरदायित्व ही छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
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