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CG Coal Scam
हाइलाइट्स
1500 पन्नों का चालान दाखिल
नवनीत-डडसेना पर गंभीर आरोप
कांग्रेस कोषाध्यक्ष अब भी फरार
CG Coal Scam : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को एजेंसी ने रायपुर की विशेष अदालत में करीब 1500 पन्नों का दूसरा पूरक चालान पेश किया है। यह चालान मुख्य रूप से नवनीत तिवारी और देवेंद्र डडसेना के खिलाफ दाखिल किया गया है। साथ ही इसमें कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के फरार होने का भी उल्लेख किया गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खुला मामला
छत्तीसगढ़ का यह कोयला घोटाला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक अपराधों में से एक माना जाता है। इसकी जड़ें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जुड़ी हैं। जुलाई 2024 में EOW ने इस केस में पहला चालान दाखिल किया था, जिसमें आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, संदीप कुमार नायक और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी जैसे नाम शामिल थे।
इसके बाद अक्टूबर 2024 में मनीष उपाध्याय और रजनीकांत तिवारी के खिलाफ पहला पूरक चालान पेश किया गया था। अब 2025 में एजेंसी ने दूसरे पूरक चालान के साथ इस मामले की गहराई को और उजागर कर दिया है।
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CG Coal Scam[/caption]
कांग्रेस कोषाध्यक्ष का करीबी और अवैध धन का रिसीवर
EOW की जांच रिपोर्ट में देवेंद्र डडसेना को इस पूरे अवैध लेवी नेटवर्क की वित्तीय कड़ी बताया गया है। वह कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक था और कथित तौर पर कोल लेवी से प्राप्त नकद राशि का रिसीवर और मध्यस्थ के रूप में कार्य करता था।
जांच में यह भी सामने आया है कि कांग्रेस भवन, रायपुर में “भवन” नाम से दर्ज खातों में जो नकद प्रविष्टियाँ की गईं, वे डडसेना के माध्यम से किए गए अवैध वित्तीय लेनदेन का हिस्सा थीं। EOW के मुताबिक, डडसेना न केवल रकम प्राप्त करता था, बल्कि उसे आगे अन्य संलिप्त व्यक्तियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाता था। उसके खिलाफ करोड़ों रुपये की रिसीविंग, कस्टडी और ट्रांसफर से जुड़े ठोस डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं।
कोल लेवी वसूली सिंडिकेट का अहम सदस्य
EOW ने नवनीत तिवारी को कोल लेवी वसूली सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य बताया है। जांच में सामने आया कि वह सूर्यकांत तिवारी के निर्देश पर रायगढ़ जिले में कोयला व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से भय दिखाकर करोड़ों रुपये की अवैध वसूली करता था।
यह रकम नियमित रूप से रायगढ़ से रायपुर में स्थित सिंडिकेट सदस्यों तक पहुंचाई जाती थी। इसके अलावा, EOW ने नवनीत तिवारी को सूर्यकांत तिवारी द्वारा अर्जित बेनामी संपत्तियों का धारक भी बताया है। एजेंसी के पास इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक डेटा, बैंक लेन-देन और गवाहों के बयान जैसे ठोस साक्ष्य हैं।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल अब भी फरार
इस चालान में कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के फरार होने का विशेष उल्लेख किया गया है। जांच एजेंसी का दावा है कि अग्रवाल की भूमिका पूरे नेटवर्क में अहम थी और उनके निजी सहायक देवेंद्र डडसेना के माध्यम से ही अवैध कोल लेवी से जुड़ा वित्तीय प्रवाह संचालित होता था। फिलहाल अग्रवाल की लोकेशन अज्ञात है और EOW ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की है।
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EOW ने खोला अवैध नेटवर्क का पूरा जाल
1500 पन्नों के इस नए पूरक चालान में EOW ने न केवल पुराने आरोपों को पुष्ट किया है, बल्कि नए दस्तावेज़, चैट रिकॉर्ड, और बैंक ट्रांजैक्शन की कड़ियों को भी जोड़ा है। जांच एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि अभी कई अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच जारी है और आगे भी नए नामों का खुलासा संभव है।
EOW अधिकारियों के अनुसार, यह चालान कोल लेवी सिंडिकेट की पूरी वित्तीय संरचना को उजागर करता है, जिसमें कोल ट्रांसपोर्ट, अवैध लेवी कलेक्शन, नकद लेन-देन और राजनीतिक संरक्षण जैसी कई परतें सामने आई हैं।
क्या कहता है राजनीतिक गलियारा?
इस ताजा कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में फिर हलचल मच गई है। विपक्ष ने इसे “पूर्व सरकार की कार्यशैली का काला सच” बताया है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि EOW की यह रिपोर्ट आने वाले समय में कई नए खुलासों की नींव रख सकती है, क्योंकि इसमें सत्ता और कारोबारी गठजोड़ की कई कड़ियाँ दर्ज हैं।
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