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CG Coal Ghotala: पूर्व कलेक्टर रानू साहू के करीबी की जमानत याचिका खारिज, HC ने कहा- आर्थिक अपराध गंभीर राष्ट्रीय खतरा

CG Coal Ghotala Case : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोयला घोटाले में पूर्व कलेक्टर रानू साहू के करीबी नवनीत तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि व्हाइट कॉलर क्राइम देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचाता है।

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Shashank Kumar
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CG High Court

हाइलाइट्स 

  • कोयला घोटाले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • रानू साहू के करीबी नवनीत तिवारी को राहत नहीं
  • कोर्ट ने कहा- व्हाइट कॉलर क्राइम देश के लिए खतरा
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CG Coal Ghotala Case : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोयला परिवहन में अवैध कोल लेवी वसूली से जुड़े बहुचर्चित मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर रानू साहू के करीबी और आरोपी नवनीत तिवारी की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि आर्थिक अपराध (White Collar Crime) व्यक्तिगत लाभ के लिए ठंडे दिमाग से किए जाते हैं, जिनका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित पर पड़ता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों को हल्के में लेना न्याय और समाज दोनों के लिए हानिकारक है।

कोर्ट ने कहा- ‘हत्या भावनाओं में हो सकती है'

अदालत ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों, जिनमें पी. चिदंबरम बनाम निदेशालय प्रवर्तन का मामला भी शामिल है, का हवाला देते हुए कहा कि व्हाइट कॉलर क्राइम को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

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न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने कहा कि आरोपी ने अदालत में ऐसा कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जिससे यह साबित हो कि ट्रायल में देरी अभियोजन पक्ष की वजह से हो रही है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी माना कि जांच एजेंसी एसीबी व ईओडब्ल्यू ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए हैं, जिनसे यह साफ होता है कि कोयला ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली की गई।

[caption id="attachment_924080" align="alignnone" width="1212"]CG COAL MINES CG COAL MINES[/caption]

सिंडिकेट बनाकर कोल ट्रांसपोर्ट से वसूली का आरोप

एसीबी/ईओडब्ल्यू ने जनवरी 2024 में दर्ज एफआईआर में खुलासा किया था कि एक संगठित सिंडिकेट ने नीतियों में बदलाव करवाकर ऑनलाइन परमिट सिस्टम को मैनुअल में बदल दिया, जिससे अवैध कोल लेवी वसूली का रास्ता खुल गया।
आरोप है कि यह पूरा नेटवर्क रानू साहू और उनके सहयोगियों के समर्थन से चलाया जा रहा था, जिसमें कई प्रशासनिक अधिकारी और कारोबारी शामिल थे। इस सिंडिकेट ने प्रति टन कोयले पर 25 रुपये तक वसूले, जिससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई।

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कोर्ट ने कहा- आर्थिक अपराधों को गंभीरता से लिया जाए

हाईकोर्ट ने कहा कि आर्थिक अपराध समाज के लिए किसी भी हिंसक अपराध से कम नहीं हैं। ये अपराध केवल पैसों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि देश की नीतिगत व्यवस्था, जनविश्वास और आर्थिक स्थिरता को भी प्रभावित करते हैं।

कोर्ट ने माना कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और ऐसे मामलों में जमानत देना न्याय की मूल भावना के विपरीत होगा। इसके साथ ही अदालत ने नवनीत तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

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