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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते दिन कहा कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बात करते हुए बघेल ने कहा कि भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में बदलाव की लहर है और कांग्रेस द्वारा किए गए ‘10 गारंटी’ के वादे का असर दिखना शुरू हो गया है।
शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिकता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री ने कहा, ''बहुत अच्छी बात है, हम स्वागत करते हैं। हम तो चाह ही रहे हैं। संविधान में जो व्यवस्था है अनुसूचित जाति, जनजाति को उनकी जनसंख्या के आधार पर उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।’’ गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले महीने राज्य सरकार के वर्ष 2012 में जारी उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण को 58 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। न्यायालय ने कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है।
वहीं राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षण लाभों के बारे में पूछे जाने पर, बघेल ने कहा, ‘‘आदिवासियों के आरक्षण में 20 प्रतिशत की गिरावट का यह पाप भाजपा के कारण हुआ और अब हम इसे ठीक करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आदिवासी समाज के लोग आए थे। मैने स्पष्ट कहा है कि आपको संविधान में जो सुविधा मिली है वह मिल के रहेगी। इसे कोई नहीं रोक सकता।’’
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