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CG Chhath Mahaparv: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय (Kaushalya Sai) ने सोमवार को छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) के शुभ अवसर पर दुलदुला छठ घाट पहुंचकर सूर्य देव (Sun God) को अर्घ्य अर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा (Chhath Puja) की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व आस्था, श्रद्धा और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा—“जनता के विश्वास और स्नेह से ही मुझे जनसेवा का अवसर मिला है। प्रदेश के विकास और जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए मैं निरंतर प्रयासरत हूं।”
अगले छठ पर्व तक पूरा होगा घाट का सौंदर्यीकरण
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मुख्यमंत्री साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए छठ घाट के सौंदर्यीकरण (Beautification of Chhath Ghat) की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले छठ पर्व से पहले घाट का पूरा विकास कार्य पूरा कर लिया जाएगा, ताकि श्रद्धालु बेहतर सुविधाओं के साथ पूजा-अर्चना कर सकें।
साय ने बताया कि कुनकुरी छठ घाट (Kunkuri Chhath Ghat) का सौंदर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख (₹5.17 crore) की लागत से किया गया है, जहां इस वर्ष व्रती महिलाएं श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा कर रही हैं।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और व्रती महिलाएं मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव (Shaurya Pratap Singh Judev), जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष रामकुमार सिंह (Ramkumar Singh), आईजी दीपक कुमार झा (IG Deepak Kumar Jha), कलेक्टर रोहित व्यास (Collector Rohit Vyas) और पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह (SP Shashimohan Singh) सहित कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं से बातचीत भी की और सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर धर्म और परंपरा के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।
छठ महापर्व का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
छठ पूजा न केवल सूर्य उपासना का पर्व है, बल्कि यह लोक संस्कृति (Folk Culture) और पारिवारिक एकता का भी प्रतीक है। चार दिन चलने वाले इस पर्व में महिलाएं उपवास रखकर सूर्य देव और छठी मइया की आराधना करती हैं।
छत्तीसगढ़ में यह पर्व अब बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा है, और दुलदुला, कुनकुरी सहित कई घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
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