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छत्तीसगढ़ पुस्तक घोटाला: जांच रिपोर्ट में 5 जिला शिक्षा अधिकारी दोषी, सरकार कब करेगी कार्रवाई?

Chhattisgarh Book Scam: अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस घोटाले में 5 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को दोषी पाया गया है। जांच में पाया गया कि अधिकारियों की सांठगांठ से दो लाख सरकारी किताबों को रद्दी के भाव में बेच दिया गया।

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Sanjeet Kumar
Chhattisgarh Book Scam

Chhattisgarh Book Scam

Chhattisgarh Book Scam: छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला मामले की जांच पूरी हो गई है। अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस घोटाले में 5 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को दोषी (Chhattisgarh Book Scam) पाया गया है। जांच में पाया गया कि अधिकारियों की सांठगांठ से दो लाख सरकारी किताबों को रद्दी के भाव में बेच दिया गया। अब इस मामले में अभी दोषियों पर कोई एक्‍शन नहीं हुआ है। अब सवाल उठ रहे हैं, कि इस मामले में अगला कदम सरकार क्‍या उठाएगी।

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जांच टीम ने किया घोटाले का खुलासा

जांच टीम ने दो आईएएस अधिकारियों सहित 24 लोगों का बयान लिया है। जांच में पता चला कि दो लाख सरकारी किताबों (Chhattisgarh Book Scam) को रद्दी के भाव में बेचा गया था। इनमें से एक लाख किताबें 2024-25 सत्र की थीं, जबकि बाकी 2014 से 2023 के बीच की थीं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की मांग पर किताबें डिपो से निकाली गईं और फिर कबाड़ी की दुकान पर पहुंच गईं।

जांच रिपोर्ट में क्‍या आया सामने?

CG Book Scam

जांच रिपोर्ट में राजनांदगांव, सूरजपुर, धमतरी और जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों को इस घोटाले (Chhattisgarh Book Scam) के लिए दोषी पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 35 दिनों के भीतर 80 टन किताबें पेपर मिल तक पहुंचाई गईं। रियल बोर्ड एंड पेपर मिल के मालिक महेश पटेल और विनोद रूढानी ने जांच समिति को बताया कि उनके पास हर साल निगम की किताबें आती हैं, लेकिन वे सत्र नहीं देखते। जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई होगी यह बड़ा सवाल है।

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पूर्व विधायक ने किया था मामला उजागर?

रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें (Chhattisgarh Book Scam) मिली थीं। इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल थीं। सभी किताबें इसी सत्र की थीं। इस मामले का खुलासा पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था। उन्होंने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उपाध्याय ने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दीं।

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सरकार को सौंप दी गई रिपोर्ट

Former MLA Vikas Upadhyay

मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने 5 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। अब जांच रिपोर्ट (Chhattisgarh Book Scam) सरकार को सौंप दी गई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। हालांकि यह खबर मीडिया में प्रसारित हो रही है, लेकिन इस पर जिम्‍मेदार अभी कुछ कहने को तैयार नहीं है।

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सितंबर में हुआ था किताब घोटाले का खुलासा

Chhattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ रायपुर में लाखों किताबों के कबाड़ में पड़े मिलने के के बाद हड़कंप मच गया है। सबसे बड़ी बात जो सामने आई है वह यह है कि ये किताबें इसी साल के पाठ्यक्रम की है। ये किताबें रायपुर के सिलयारी, रियल बोर्ड पेपर मिल में कबाड़ में मिली है। इसके बाद से बवाल मच गया है।

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इस मामले के उजागर होने के बाद कांग्रेस सरकार (Chhattisgarh News) पर हमलावर हो गई है। किताब वाले मामले में भ्रष्टाचार की आशंका के साथ ही कांग्रेस ने कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले की जांच करने के लिए राज्‍य सरकार के द्वारा पांच सदस्‍यीय जांच समिति का भी गठन कर दिया है। इसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने भी आदेश जारी कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर...

पुस्‍तक निगम के महाप्रबंधक पर लगे थे आरोप 

Pustak Nigam GM Suspend: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सीएम विष्णु देव साय सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रेम प्रकाश शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा पर पुस्तकों को रद्दी में बेचने का आरोप है। इस मामले की जांच के बाद निलंबन की कार्रवाई सरकार ने की है। दरअसल सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम (Pustak Nigam GM Suspend) की छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद सीएम ने इसकी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। पढ़ें पूरी खबर...

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