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बिलासपुर रेल हादसे की कई स्तरों पर जांच शुरू: CRS कर रहे जांच, मृत चालक पर भी दर्ज हुआ जुर्म, 19 रेलवे अफसर तलब

Bilaspur Train Accident: बिलासपुर रेल हादसे की कई स्तरों पर जांच शुरू, CRS कर रहे जांच, मृत चालक पर भी दर्ज हुआ जुर्म, 19 रेलवे अफसर तलब

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Harsh Verma
Bilaspur Train Accident

Bilaspur Train Accident

Bilaspur Train Accident: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में हुए लाल खदान स्टेशन हादसे की जांच अब कई स्तरों पर चल रही है। रेलवे ने इस भीषण दुर्घटना की जांच की जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा आयुक्त बृजेश कुमार मिश्रा (Railway Safety Commissioner Brijesh Kumar Mishra) को सौंपी है। उन्होंने बुधवार से जांच शुरू कर दी है।

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4 नवंबर की शाम कोरबा से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन (MEMU Train) ने लाल खदान के पास खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में मेमू ट्रेन के चालक समेत 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि करीब 20 यात्री घायल हुए हैं।

19 रेलवे अधिकारी और कर्मचारी तलब

CRS मिश्रा अब 6 और 7 नवंबर को बिलासपुर DRM कार्यालय (Bilaspur DRM Office) में पूछताछ करेंगे। इस जांच में रेलवे के 19 अफसरों और कर्मचारियों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ बुलाया गया है।

इनमें सहायक लोको पायलट रश्मि राज (Rashmi Raj), मालगाड़ी के गार्ड सुनील कुमार साहू (Sunil Kumar Sahu), मेमू ट्रेन मैनेजर ए.के. दीक्षित (A.K. Dixit), मालगाड़ी मैनेजर शैलेश चंद्र (Shailesh Chandra), और स्टेशन मास्टर आशा रानी (Asha Rani), ज्योत्स्ना रात्रे (Jyotsna Ratre), निशा कुमारी (Nisha Kumari) शामिल हैं।

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जांच टीम ने गतौरा स्टेशन के सिग्नल पैनल रूम (Signal Panel Room), रेल ट्रैक, और दोनों ट्रेनों के तकनीकी हिस्सों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।

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रेड सिग्नल पार होने की वजह तलाश में जुटी जांच टीम

CRS जांच का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि रेड सिग्नल (Red Signal) पार होने की वजह क्या थी—सिस्टम फेल्योर, मानवीय गलती या संचालनिक लापरवाही। रेलवे ने ट्रेन के कंट्रोल पैनल लॉग (Control Panel Log) और सिग्नल डेटा रिकॉर्डर (Signal Data Recorder) जब्त कर लिए हैं।

रेलवे बोर्ड ने तीन दिन के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर दोष तय किए जाएंगे और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा।

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मृत चालक के खिलाफ केस दर्ज, परिजनों को मुआवजा

दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि ट्रेन को गलत सिग्नल वाली लाइन पर चलाया गया था। इस लापरवाही को लेकर स्टेशन अधीक्षक निखलेश विठालकर (Nikhlesh Vithalkar) ने पैसेंजर ट्रेन के मृत चालक विद्या सागर (Vidya Sagar) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

तोरवा थाना पुलिस (Torwa Police Station) ने बीएनएस की धारा 106ए, 125 और रेलवे एक्ट की धारा 153, 154, 175 के तहत केस दर्ज किया है।

रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 5 लाख रुपये और सामान्य घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

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भविष्य में हादसे रोकने पर फोकस

रेल मंत्रालय ने कहा है कि इस जांच को “सर्वोच्च प्राथमिकता” दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। रेलवे ने सुरक्षा समीक्षा और सिग्नलिंग सिस्टम की ऑडिट प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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