CG Bilaspur Railway Flyover Land Deal Ban: बिलासपुर जिले में दगोरी से बिल्हा के बीच प्रस्तावित रेल फ्लाईओवर के निर्माण कार्य को लेकर प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। निर्माण क्षेत्र के 6 गांवों (बिल्हा, दगोरी, गोढ़ी, उटगन, किरारीगोढ़ी और भैंसबोड़) में तत्काल प्रभाव से भूमि की खरीद-बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सिफारिश पर लिया गया, जो इस परियोजना का निर्माण कार्य संभाल रही है।
भूमि माफियाओं की चालाकियों पर लगी लगाम
रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ भू-माफिया सक्रिय हो गए थे। वे अधिक मुआवजा पाने के उद्देश्य से जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर नामांतरण और बंटांकन कराने की कोशिश कर रहे थे। इससे अधिग्रहण प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी और लागत भी बढ़ने की आशंका थी।
इन गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए रेलवे के निर्माण उप मुख्य अभियंता ने 3 जून को शासन को पत्र लिखकर भूमि लेन-देन पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आदेश जारी कर छह गांवों में किसी भी तरह की भूमि खरीद-बिक्री को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया।
कलेक्टर की अनुमति के बिना नहीं हो सकेगा जमीन का सौदा
जिन छह गांवों को प्रतिबंधित सूची में डाला गया है, उनमें अब बिना कलेक्टर की पूर्व अनुमति के कोई भी जमीन की खरीद-बिक्री नहीं कर सकेगा। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक फ्लाईओवर परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
राजस्व विभाग पहले ही दे चुका था चेतावनी
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, रायपुर ने पहले ही इस तरह की परिस्थितियों को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए थे। विभाग ने कहा था कि भूमि के टुकड़ों में विभाजन और बिचौलियों की दखल के कारण सरकार को अनावश्यक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है और परियोजनाओं में देरी होती है। भूमि अधिग्रहण की लागत में अचानक वृद्धि और कानूनी विवादों से बचने के लिए यह रोक लगाना एक आवश्यक और दूरदर्शी कदम बताया जा रहा है।
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