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बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास अधूरा: HC ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकारा, कहा- दोनों जगह एक ही पार्टी, फिर देरी क्यों?

CG High Court On Bilaspur Airport: बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास अधूरा, HC ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकारा, कहा- दोनों जगह एक ही पार्टी, फिर देरी क्यों?

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Harsh Verma
CG High Court On Bilaspur Airport

CG High Court On Bilaspur Airport: बिलासपुर के बहुप्रतीक्षित बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट (Bilasa Devi Airport) के विस्तार और सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में चल रही सुनवाई के दौरान एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगी।

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अदालत ने एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि "बिलासपुर का भाग्य कभी तो जागेगा। आप स्टेटमेंट दे दीजिए कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं।"

यह तीखी टिप्पणी चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच की ओर से आई, जिन्होंने प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए।

रनवे विस्तार और नाइट लैंडिंग की फाइल अब भी फंसी

Bilasa Devi Kevat Airport - Wikipedia

बिलासपुर एयरपोर्ट को अपग्रेड कर 3C से 4C कैटेगरी में लाने, नाइट लैंडिंग (Night Landing) की सुविधा शुरू करने और मेट्रो शहरों से सीधी उड़ानों (Direct Flights) की मांग लंबे समय से चल रही है। राज्य सरकार ने तो रनवे विस्तार समेत अन्य कार्यों की मंजूरी दे दी है, लेकिन मामला अब भी केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) के पाले में अटका हुआ है।

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राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि रक्षा मंत्रालय 286 एकड़ जमीन के बदले ज्यादा कीमत की मांग कर रहा है, जबकि सरकार चाहती है कि पहले जमीन उसके नाम ट्रांसफर हो, तभी निर्माण कार्य शुरू किया जाए।

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चीफ जस्टिस की तल्ख टिप्पणी

सुनवाई के दौरान जब राज्य सरकार की ओर से कार्य प्रगति को लेकर कुछ फोटोज कोर्ट में पेश किए गए, तो चीफ जस्टिस सिन्हा भड़क उठे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "क्या दिख रहा है इन तस्वीरों में? सिर्फ एक गाड़ी और दो-चार लोग खड़े हैं। ये काम है?" कोर्ट ने अफसरों की बॉडी लैंग्वेज पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि लगता नहीं कि किसी को काम में रुचि है।

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हर बार सुनवाई पर समय मांगा जाता है। लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और है। समय मांगने के बाद भी कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि अफसरों की बाडी लैंग्वेज देखकर ही लगता है कि उन्हें काम करने की कोई इच्छा नहीं है। लगता है जब नई सरकार आएगी, तब शायद बिलासपुर का भाग्य जगेगा।

[caption id="attachment_846769" align="alignnone" width="579"]Chhattisgarh Sharab Ghotala 2025 Vijay Bhatia, Bilaspur High Court Chhattisgarh Bilaspur High Court[/caption]

केंद्र और राज्य दोनों में एक ही पार्टी, फिर भी नहीं बनी बात

कोर्ट ने दो टूक कहा कि जब केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार है, तो इतनी देरी क्यों हो रही है? इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव (Chief Secretary) और रक्षा सचिव (Defence Secretary) को तलब किया है और उनसे हलफनामे (Affidavit) के साथ विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है।

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चार साल बाद भी अधूरी सुविधाएं, जनहित याचिकाएं लंबित

बता दें कि एयरपोर्ट के विकास को लेकर हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं (PILs) लंबित हैं। एयरपोर्ट को चालू हुए चार साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक नाइट लैंडिंग, सीधी उड़ानें और रनवे विस्तार जैसी मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं हो सकी हैं। विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है और जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया अब तक अधूरी है।

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