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CG Bijli Bill Update
हाइलाइट्स
- नवंबर से मिल सकती है राहत
- पुराने कोयले के स्टॉक से टली राहत
- FPPA चार्ज ने बढ़ाया बिल बोझ
CG Bijli Bill Update: छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर फिलहाल टल गई है। केंद्र सरकार ने कोयले पर लगने वाला सेस समाप्त कर दिया है, जिसके स्थान पर अब जीएसटी लागू होगा। इससे बिजली बिलों में प्रति यूनिट 10 से 12 पैसे की कमी की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल यह राहत सितंबर और अक्टूबर के बिलों में नहीं मिलेगी।
पॉवर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में बिजली संयंत्रों में पुराने कोयले का स्टॉक मौजूद है, जिसकी खपत नवंबर तक चलेगी। इसलिए नए कोयले की आपूर्ति शुरू होने के बाद ही सेस का असर बिजली दरों पर दिखेगा।
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कोयले पर सेस खत्म, पर राहत में देरी
केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से कोयले को जीएसटी के दायरे में लाते हुए सेस समाप्त कर दिया है। अब बिजली कंपनियों को कोयले की नई खेप मिलने के बाद ही जीएसटी आधारित दरों का लाभ उपभोक्ताओं को मिल सकेगा।
पॉवर कंपनी के अनुसार, पुराने स्टॉक की खपत होने तक बिजली बिलों में प्रति यूनिट 10 पैसे का सेस जारी रहेगा। अनुमान है कि नवंबर से उपभोक्ताओं को वास्तविक राहत मिलने लगेगी।
FPPA चार्ज से उपभोक्ताओं को डबल झटका
सितंबर के बिल में छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को एफपीपीएएस (Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge) के रूप में डबल झटका लगा। कंपनी ने इस बार बीते माह का 7.10 फीसदी शुल्क और वर्तमान माह का 2.46 फीसदी शुल्क एक साथ वसूला है। अब अक्टूबर के बिल में भी ऐसा ही होने की संभावना है, जिससे नवंबर में आने वाले बिजली बिल का बोझ बढ़ सकता है।
10 पैसे प्रति यूनिट की राहत संभव
पॉवर कंपनी का कहना है कि जब नवंबर में नया कोयला खरीदा जाएगा और जीएसटी लागू दरों पर उपयोग शुरू होगा, तभी उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इसके बाद बिजली बिलों में प्रति यूनिट लगभग 10 पैसे तक की कमी की उम्मीद है। यानी नवंबर से बिजली थोड़ी सस्ती हो सकती है।
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छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को करना होगा इंतजार
हालांकि राहत तय है, लेकिन उपभोक्ताओं को एक महीने का इंतजार करना पड़ेगा। राज्य में करीब 65 लाख उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ेगा। फिलहाल सितंबर और अक्टूबर के बिल में राहत नहीं दिखेगी, पर नवंबर के बिल से बिजली की दरों में कमी की संभावना है।
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