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CG News: भुइयां पोर्टल में साइबर जालसाजी कर सरकारी जमीन को निजी में जोड़ने का फर्जीवाड़ा, फरार चल रहे दो आरोपी गिरफ्तार

Durg Bhuyan Portal Fraud Case: भुइयां पोर्टल में साइबर जालसाजी कर सरकारी जमीन को निजी में जोड़ने का फर्जीवाड़ा, फरार चल रहे दो आरोपी गिरफ्तार

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Harsh Verma
Durg Bhuyan Portal Fraud Case

Durg Bhuyan Portal Fraud Case: दुर्ग जिले के अहिवारा क्षेत्र में सरकारी जमीन को निजी खातों में जोड़ने की सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश हुआ है। आरोपी अमित मौर्य और गणेश तंबोली ने भुइयां पोर्टल (Bhuyan Portal) में पटवारी की आईडी से लॉगिन कर रकबा (Land Area) में फर्जी बदलाव किया। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों ने खसरा नंबर 1538/11 और 187/04 में हेरफेर करते हुए सरकारी जमीन को निजी खातों में जोड़ दिया।

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इन फर्जी बदलावों के आधार पर कुछ लोगों ने भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) से लगभग 36 लाख रुपए का लोन भी प्राप्त किया था। यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रशासन और बैंकिंग सिस्टम दोनों में हड़कंप मच गया।

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एसीसीयू और नंदिनी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

दुर्ग पुलिस की एसीसीयू (Anti Cyber Crime Unit) टीम और नंदिनी थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे थे। दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

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इससे पहले भी इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह भी सामने आया है कि पोर्टल की तकनीकी जानकारी रखने वाले कुछ लोगों की इसमें अहम भूमिका रही है।

पैसे के लालच में की गई साइबर जालसाजी

पुलिस पूछताछ में आरोपी गणेश तंबोली ने स्वीकार किया कि उसके परिचित अशोक उरांव ने उसे रकबा बढ़ाने के बदले धनराशि का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद उसने अपने दोस्त अमित मौर्य के साथ मिलकर पटवारी की आईडी और ओटीपी (OTP) का दुरुपयोग किया।

दोनों ने मिलकर फर्जी एंट्री डालकर जमीन के दस्तावेज में बदलाव कर दिए, जिससे सरकारी जमीन को निजी भूमि में जोड़ा जा सका।

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पुलिस जांच जारी, और गिरफ्तारी की संभावना

दुर्ग पुलिस अब इस साइबर फर्जीवाड़े (Cyber Fraud Case) के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। यह मामला राज्य के डिजिटल भूमि रिकॉर्ड सिस्टम (Digital Land Record System) की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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