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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS पर बोला तीखा हमला: कहा- झूठ की फैक्ट्री है, आदिवासी मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा

Bhupesh Baghel: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS पर बोला तीखा हमला, कहा- झूठ की फैक्ट्री है, आदिवासी मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा

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Harsh Verma
Bhupesh Baghel

Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर अपने तीखे बयानों से सियासत को गरमा दिया है। इस बार उन्होंने आरएसएस (Rashtriya Swayamsevak Sangh) को "झूठ की फैक्ट्री" बताते हुए जमकर निशाना साधा।

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साथ ही बोधघाट परियोजना, ट्रांसफर-पोस्टिंग और नकटी गांव के आदिवासी प्रदर्शन जैसे अहम मुद्दों पर भी राज्य सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) को घेर लिया।

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अरविंद नेताम के बयान पर आरएसएस पर तीखा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री ने आदिवासी नेता अरविंद नेताम (Arvind Netam) के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नेताम जी उम्र दराज हैं और उनके विचारों में निरंतर बदलाव होता रहता है। जिस व्यक्ति का कोई वैचारिक आधार नहीं होता, उसका जीवन व्यर्थ होता है।”

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उन्होंने कहा कि नेताम शायद आरएसएस कार्यालय (RSS Office) से लौटकर आए हैं, क्योंकि वहां से सिर्फ झूठ की स्क्रिप्ट मिलती है। “गणेश प्रतिमा को दूध पिलाने जैसी अफवाहें भी वहीं से चली थीं,” बघेल ने तंज कसते हुए कहा।

ट्रांसफर पोस्टिंग पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का पलटवार

भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस कार्यकाल में भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर दिए गए बयानों पर भूपेश बघेल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अब जाकर किसी व्यवसायी, खदान मालिक या राइस मिलर से पूछिए, ट्रांसफर शुरू हुआ है, तभी आपको असली भ्रष्टाचार दिखेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) जिनका हो रहा है, उनसे पूछिए तब समझ में आएगा कि कौन कितने पारदर्शी हैं।

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नकटी गांव में आदिवासियों के प्रदर्शन को बताया जायज

नकटी गांव (Nakti Village) में हो रहे आदिवासी प्रदर्शन (Tribal Protest) पर कांग्रेस पार्टी का समर्थन जताते हुए बघेल ने कहा कि सरकार को इन ग्रामीणों का पुनर्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर विधायक के लिए गांव हटाया जाएगा, तो यह अन्याय होगा। ऐसे किसी भी गांव को हटाना गलत होगा।”

बोधघाट परियोजना पर भी उठाए सवाल

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई बोधघाट परियोजना पर चर्चा को लेकर भी बघेल ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “पहले यह परियोजना पेयजल, सिंचाई और निस्तारीकरण के लिए बनाई जा रही थी, अब इसे उद्योगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बदला जा रहा है।”

बघेल ने यह भी कहा कि अगर पहले नेताम विरोध नहीं करते तो शायद यह परियोजना आज पूरी हो गई होती।

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