CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का 13वां दिन काफी हंगामेदार रहा। भारत माला प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। विपक्ष का आरोप है कि इस परियोजना में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई (CBI) से कराने की मांग की।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में बताया कि सरकार ने ईओडब्ल्यू (EOW) से जांच कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अभनपुर (Abhanpur) तहसील में मुआवजा वितरण में गड़बड़ी हुई है। रायपुर संभागायुक्त (Raipur Commissioner) की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। इसी आधार पर तत्कालीन एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है।
सरकार ने गड़बड़ी मानी, विपक्ष ने किया विरोध
राजस्व मंत्री के बयान के बाद विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष का कहना है कि सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। इस परियोजना में करोड़ों रुपये का हेरफेर हुआ है, जिसे केवल सीबीआई (CBI) ही उजागर कर सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने सरकार को जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा।
भारत माला प्रोजेक्ट में क्या गड़बड़ियां हुईं?
भारत माला (Bharatmala) प्रोजेक्ट के तहत रायपुर (Raipur) से विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) तक इकोनॉमिक कॉरिडोर (Economic Corridor) बनाया जा रहा है। इस परियोजना के लिए कई गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। लेकिन मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है।
सरकार ने इस गड़बड़ी को स्वीकारते हुए लगभग दर्जनभर अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अब ईओडब्ल्यू (EOW) इस पूरे मामले की जांच करेगा।
विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की
पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि सरकार ईओडब्ल्यू (EOW) जांच के नाम पर मामले को दबा रही है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि जब मंत्री ने सदन में संभागायुक्त जांच की घोषणा की थी, तो फिर बाद में कैबिनेट में ईओडब्ल्यू (EOW) जांच का फैसला क्यों लिया गया?
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पहले सीबीआई (CBI) जांच पर रोक लगाई थी, अब वे खुद इसकी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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