CG Conversion Protest: भानुप्रतापपुर क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्राम घोटिया में ग्रामीणों ने ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कर गांव की सीमा पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है। इसमें साफ लिखा गया है कि गांव में पादरी और पास्टर (Pastor) का प्रवेश वर्जित है।
इससे पहले भी भानुप्रतापपुर के पांच गांवों में इसी तरह के नोटिस बोर्ड लगाए जा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि धर्मांतरण (Conversion) की गतिविधियों से गांव की परंपराएं, रीति-रिवाज और आपसी सौहार्द पर असर पड़ रहा है।
लालच और झांसे से कराया जा रहा धर्मांतरण
ग्रामीणों का आरोप है कि भोले-भाले आदिवासी और ग्रामीणों को पैसे, नौकरी और बीमारी ठीक करने के झांसे देकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसी कारण ग्रामीण अब एकजुट होकर इन गतिविधियों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि धर्मांतरण रोकना जरूरी है ताकि गांव की परंपरा और संस्कृति सुरक्षित रह सके।
सांस्कृतिक पहचान बचाने की कोशिश
गांवों में लगातार पादरी-पास्टर के खिलाफ ग्राम सभा प्रस्ताव पारित हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी धार्मिक आस्था और संस्कृति को बचाने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि गांव की सरहद पर लगाए गए बोर्ड सिर्फ चेतावनी नहीं बल्कि उनके संकल्प का प्रतीक हैं।
संगठनों का भी विरोध
प्रदेश में कई हिंदू संगठन (Hindu Organizations) लगातार प्रार्थना सभाओं (Prayer Meetings) का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि शुक्रवार और रविवार को आयोजित होने वाली प्रार्थना सभाओं में हिंदू वर्ग के लोगों को बुलाकर उन्हें लालच दिया जाता है और धीरे-धीरे उनका ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण किया जाता है।
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