CG Bastar Naxal Surrender: बस्तर (Bastar Naxal Surrender News) में सुरक्षाबलों और सरकार की रणनीतियों को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर (Bijapur Naxal News) और कांकेर (Kanker Maoist Surrender) जिलों में कुल 38 कुख्यात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बीजापुर में 25 और कांकेर में 13 नक्सलियों ने हथियार डालते हुए मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। ये आत्मसमर्पण नक्सल विरोधी मुहिम को एक बड़ी जीत (Major success in Anti-Naxal Operation) के रूप में देखा जा रहा है।
बीजापुर में 1.15 करोड़ के इनामी नक्सलियों का सरेंडर
बीजापुर में सरेंडर (CG Naxal Surrender) करने वालों में एक नक्सली दंपति समेत 25 माओवादी शामिल हैं, जिन पर कुल मिलाकर 1 करोड़ 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था (Rewarded Maoists surrender news)। इनमें से एक SZCM स्तर का हार्डकोर नक्सली भी शामिल है, जिस पर अकेले 25 लाख रुपये का इनाम था। ये सभी माओवादी कई गंभीर वारदातों जैसे फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट (IED blast), आगजनी (Arson) और पुलिस पार्टी पर हमले जैसी घटनाओं में संलिप्त थे।
सरकारी योजनाओं का दिखा असर
सरकार की पुनर्वास नीति (Rehabilitation Policy) और ‘नियद नेल्लानार’ (Niyad Nellanar Scheme) जैसी योजनाओं का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने खुलकर स्वीकार किया कि सरकारी योजनाओं और पुनर्वास की बेहतर नीतियों ने उन्हें हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कांकेर में 13 नक्सलियों ने किया सरेंडर
कांकेर जिले में भी सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है, जहां 62 लाख रुपये के इनामी 13 नक्सलियों ने सरेंडर (CG Naxal Surrender) किया। इनमें 5 महिला नक्सली और एक कंपनी कमांडर भी शामिल है (Women Maoist surrender in Chhattisgarh)। पुलिस अधीक्षक आई. कल्याण एलिसेला ने जानकारी दी कि ये सभी नक्सली लंबे समय से नक्सल गतिविधियों में लिप्त थे और अब मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प ले चुके हैं।
2025 में अब तक 242 नक्सली कर चुके हैं सरेंडर, 127 ढेर
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस प्रशासन ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी (Cash reward to surrendered Maoists)।
साल 2025 की शुरुआत से अब तक कुल 242 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि सुरक्षाबलों ने 127 को मुठभेड़ों में मार गिराया है। इसके अलावा 300 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नक्सलवाद छोड़ रही नई पीढ़ी
यह घटनाक्रम यह संकेत देता है कि बस्तर धीरे-धीरे बदलाव की ओर बढ़ रहा है। हिंसा की राह पर चल रहे युवा अब विकास, शिक्षा और शांति को अपना लक्ष्य बना रहे हैं। सरकार और सुरक्षाबलों की इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति और सही नीति के दम पर किसी भी उग्र आंदोलन को शांति की ओर मोड़ा जा सकता है।
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