Pahalgam Terrorist Attack: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बांसकोट (Banskot, Keshkal) निवासी कैलाश सेठिया (Kailash Sethia) का परिवार कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam, Kashmir) में उस वक्त मौत के साए से गुजरा, जब अचानक आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
यह हमला मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब कैलाश अपने परिवार के साथ बैसरन घाटी (Baisaran Valley) में सैर कर रहे थे।
बंदूक की नोक पर पूछा गया धर्म, जवाब से बची जान
कैलाश सेठिया के अनुसार, एक युवक सेना की वर्दी में उनके पास आया और बंदूक तानकर पूछा – ‘हिंदू हो या मुस्लिम?’। घबराए कैलाश ने तुरंत तीन बार “अल्लाह-अल्लाह-अल्लाह” कह दिया। उसी क्षण आतंकवादी ने उनके बाजू में खड़े एक सैलानी की कनपटी में गोली मार दी और आगे बढ़ गया।
मासूम बच्चों और पत्नी संग किसी तरह बचाकर निकले जान
घटना के समय कैलाश की पत्नी और दो छोटे बच्चे भी साथ थे। गोलीबारी के दौरान कैलाश जमीन पर लेट गए और उनकी पत्नी बच्चों को पकड़कर चुपचाप खड़ी रहीं।
जब गोली चलाने वाले आतंकवादी आगे बढ़ गए, तब यह परिवार किसी तरह तीन किलोमीटर पैदल चलकर टैक्सी स्टैंड पहुंचा और वहां से सुरक्षित स्थान की ओर रवाना हुआ।
हमले में 26 लोगों की मौत, 5 मिनट तक चली गोलियां
इस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई। आतंकवादी घोड़ों पर सवार पर्यटकों को निशाना बना रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकवादी चार थे और उनके पास AK-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हमला करीब 3 से 5 मिनट चला।
परिवार से संपर्क टूटने पर रिश्तेदारों में मची थी अफरा-तफरी
हमले के बाद कुछ घंटों तक कैलाश के परिवार का किसी से संपर्क नहीं हो पाया। इससे उनके रिश्तेदारों और परिचितों में गहरी चिंता फैल गई। बाद में जब कैलाश के छोटे भाई के मोबाइल पर फोन आया और परिवार की सुरक्षा की खबर मिली, तब जाकर सबने राहत की सांस ली।
पर्यटन स्थल बना आतंक का केंद्र, लोगों में डर का माहौल
पहलगाम जैसे शांत और सुंदर पर्यटन स्थल पर हुआ यह हमला पूरी देश में दहशत फैला गया है। धर्म के आधार पर की गई इस क्रूरता ने लोगों को झकझोर दिया है।