Bastar Dussehra Mahotsav: विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा महोत्सव, जिसे बस्तर की आस्था और परंपरा का प्रतीक माना जाता है, इस बार विवादों में घिर गया है। जगदलपुर के कुरंदी जंगल (Kurandi Jungle) में रथ निर्माण (Rath Nirman) के लिए लकड़ी काटने पहुंचे ग्रामीणों और वन विभाग (Forest Department) के डिप्टी रेंजर डीपी पांडे (DP Pandey) के बीच टकराव हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी ने उनके साथ न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि गाली-गलौज करते हुए वहां से भगा दिया।
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ग्रामीणों का आक्रोश और तहसील कार्यालय में हंगामा
घटना से नाराज ग्रामीण सीधे जगदलपुर तहसील कार्यालय पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों का कहना है कि दशहरा का रथ निर्माण सदियों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है।
इस परंपरा में स्थानीय ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वन समिति (Forest Committee) की सहमति से लकड़ी काटी जाती है। ऐसे में अधिकारी का व्यवहार न केवल ग्रामीणों का अपमान है बल्कि बस्तर की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ भी है।
तहसीलदार का बयान और जांच की तैयारी
जगदलपुर तहसीलदार (Jagdalpur Tehsildar) ने इस मामले पर कहा कि घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है। साथ ही विवाद में शामिल डिप्टी रेंजर को भी बुलाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
बस्तर दशहरा महोत्सव की परंपरा पर असर
बस्तर दशहरा न सिर्फ एक त्यौहार है बल्कि यह जनजातीय संस्कृति, आस्था और परंपरा का अद्वितीय संगम है। हर साल यहां बनने वाला रथ पूरे आयोजन का केंद्र बिंदु होता है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर इस तरह का विवाद होता रहा तो आने वाली पीढ़ियां इस विरासत से दूर हो जाएंगी।