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Balrampur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ। वार्ड क्रमांक-8 में रहने वाला 7 साल का अनमोल एक्का (Anmol Ekka) अपने पिता जितेंद्र एक्का के साथ शंभू मेडिकल स्टोर (Shambhu Medical Store) दवा लेने पहुंचा। उसके घुटने में घाव था और परिजन इलाज के लिए संचालक पर भरोसा कर बैठे।
परिजनों के अनुसार, मेडिकल स्टोर संचालक शंभू विश्वकर्मा (Shambhu Vishwakarma) ने अनमोल को टेक्निस 500 एमजी (Teknis 500 MG) का इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही मासूम की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। घबराए परिजन तुरंत जिला अस्पताल ले गए। वहां से उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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मां ने दर्ज कराई शिकायत
अनमोल की मां सुशीला (Sushila) ने इस घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि मेडिकल संचालक ने गलत डोज (Wrong Dose) दे दिया, जिससे बेटे की जान गई। परिजनों ने मामले की सख्त जांच और दोषी पर कार्रवाई की मांग की है।
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स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
बलरामपुर सीएमएचओ (CMHO) डॉ. बसंत सिंह (Dr. Basant Singh) ने कहा कि इंजेक्शन के रिएक्शन (Injection Reaction) से बच्चे की हालत बिगड़ सकती है। फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि किस प्रकार का इंजेक्शन लगाया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
झोलाछाप डॉक्टरों पर बढ़ता भरोसा
जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं (Health Facilities) की कमी के कारण लोग झोलाछाप डॉक्टर (Quacks) और मेडिकल स्टोर पर इलाज करवाने को मजबूर हैं। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां गलत इलाज (Wrong Treatment) या ओवरडोज इंजेक्शन (Overdose Injection) से मरीजों की मौत हो गई। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हालात स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हैं।
लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा इलाज करना गैरकानूनी (Illegal) है, फिर भी प्रशासन इस पर सख्ती नहीं दिखा रहा। लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जाए।
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