रिपोर्ट: शेख मुबारक, सक्ती
छत्तीसगढ़ के सक्ती ज़िले के ठठारी गांव की बेटी तनु ने नेशनल जूनियर बैडमिंटन में परचम लहराया है। तनु चन्द्रा ने अपनी डबल्स पार्टनर के साथ गर्ल्स डबल्स का ख़िताब अपने नाम किया है। ओडिशा के भुवनेश्वर में हुए इस नेशनल टूर्नामेंट में तनु ने अपनी पार्टनर के साथ विरोधी जोड़ी को 23 -21 21-15 में शिकस्त दी। तनु ने ये ख़िताब जीतकर प्रदेश, ज़िले और अपने गांव का नाम रोशन किया है।
आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि बंसल न्यजू के द्वारा जगदलपुर में पंख कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस पंख कार्यक्रम के माध्यम से हम प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते हैं, और उन्हें आगे बढ़ने में आ रही आर्थिक तंगी को कम करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। इसी पंख कार्यक्रम के तहत बंसल न्यूज़ ने तनु चंद्रा का हौसला बढ़ाया था और उसके भविष्य के लिए 50 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन प्रदान की थी। इस राशि का खर्च तनु ने अपने खेल को निखारने के लिए किया। अब तनु गुवाहाटी में बैडमिंटन की बारीकियां सीख रही हैं।
बंसल न्यूज की सामाजिक जिम्मेदारी रंग लाई
बंसल न्यूज की सामाजिक जिम्मेदारी रंग लाई है। जगदलपुर में पंख कार्यक्रम के दौरान बैडमिंटन खिलाड़ी तनु चंद्रा के हौसले को बंसल न्यूज़ ने बढ़ाया था और उसके भविष्य के लिए 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की थी। आज उसका सुखद परिणाम मिला है। पंख कार्यक्रम के माध्यम से मिली प्रोत्साहन राशि की मदद से तनु ने डबल उड़ान भरी है।
फाइनल में तनु ने दिखाया कमाल
भुनेश्वर उड़ीसा में हुई राष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता में बालिका युगल फाइनल में तनु ने अपनी जोड़ीदार के साथ तीसरी वरीयता दुर्गाईशा और तारिनी सूरी की जोड़ी को 23 -21 21-15 में शिकस्त देकर खिताब अपने नाम किया। तनु ने खिताब जीतकर प्रदेश, जिले व अपने गांव का नाम रोशन किया है।
इंटरनेशनल लेवल पर भी जीता खिताब
तनु चंद्रा के पिता ने जानकारी दी कि तनु ने इसी साल 2024 में हुई इंटरनेशनल जूनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। वह इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहीं। यह बैडमिंटन प्रतियोगिता सिंगल्स थी।
चार साल की उम्र से ही लगा था शोक
तनु के पिता ने जानकारी दी कि वे सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। तनु की मां गृहणीं हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी तनु और बेटा बाबा प्रदीप चंद्रा को क्रिकेटर बनाना चाहते थे। जिसमें तनु की कोई रुचि नहीं थी। इस पर पिता निराश जरूर हुए, लेकिन अपने बच्चों को कुछ बनाने की ठानी।
चार साल की उम्र में शुरू किया था खेल
तनु ने मात्र चाल साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। वह पिता के साथ घर पर ही मस्ती के साथ बैडमिंटन खेलती थी। यहीं से पिता को लगा कि अब तनु को बैडमिंटन में रुचि है, इसी में आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए वे एक इवेंट में भी शामिल होने गए। जहां बैडमिंटन ऐसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के जिला सचिव जांजगीर-चांपा ब्रजेश अग्रवाल ने तनु का खेल देखा। उस समय तनु मात्र नौ साल की थी। उन्होंने तनु को बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने पिता को कहा।
तनु का खेल देखा तो नहीं ली कोचिंग फीस
तनु के पिता शिक्षक जरूर हैं, लेकिन उन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। ऐसे में वे तनु का सपना पूरा करने के लिए खर्च तो कर रहे थे, लेकिन फिर भी पूर्ति नहीं हो पा रही थी। जब तनु को लेकर वर्ष 2017 में रायपुर पहुंचे, तो यहां बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव संजय मिश्रा से रायपुर में मुलाकात हुई। उस समय वर्ष 2017-18 के दौरान मिश्रा छत्तीसगढ़ एसोसिएशन के सचिव हुआ करते थे। उन्होंने तनु का खेल देखा और तनु के खेल को निखारने की ठान ली। इतना ही नहीं उन्होंने बैडमिंटन खेल की बारीकियां सिखाने के लिए कोई फीस तक नहीं ली। उन्होंने तनु के खेल को निखारने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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हर तरह की मदद करने वाले सिन्हा जी
तनु जब अपने खेल को निखार रही थी, तब उनके पिता भी आर्थिक तंगी का शिकार रहते थे, हालांकि इस बारे में कभी तनु को नहीं बताया। वहीं तनु के खेल से प्रभावित छत्तीसगढ़ के बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मल सिन्हा ने शुरू से ही हर तरह की मदद की। इसी का परिणाम है कि तनु अब अच्छा खेलकर जिला और प्रदेश और अपने गांव ठठारी का नाम रोशन कर रही हैं।
एक साल से गुवाहाटी में ट्रेनिंग
तनु का जूनियर बालिका वर्ग में शानदार प्रदर्शन रहा। इसी के चलते उसका चयन गुवाहाटी के एनटी ट्रेनिंग सेंटर में हो गया। जहां वह पिछले करीब एक साल से ट्रेनिंग ले रही हैं। अभी हाल ही में अंडर 19 जूनियर बालिका वर्ग बैडमिंटन डबल्स में तनु ने फाइनल का खिताब अपने नाम किया है। तनु रायपुर के कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।
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