CG Assembly Land Encroachment: राजधानी के आउटर में विधानसभा की 50 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध कब्जे सालों से हैं। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा। यहां की जमीन पर कहीं तीन मंजिला मकान बन गए हैं, तो कहीं दुकानों और झुग्गियों का निर्माण हुआ है। अवैध कालोनाइजरों ने कई स्थानों पर तार की सुरक्षा दीवार काटकर अवैध प्लॉटिंग भी कर दी। मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने एक महीने के भीतर कब्जा हटाने और मंत्री से रिपोर्ट देने की निर्देश दिए। इसके बाद भास्कर ने मौके पर जाकर सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों की जांच की।
अधिकारी पहुंचे तो उड़ गए होश
विधानसभा स्पीकर से आदेश के बाद जांच करने पहुंचे अधिकारी तब पता चला कि विधानसभा की बरौंदा, आमासिवनी और नरदहा में 109 एकड़ खाली जमीन में से लगभग आधे हिस्से पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। बुधवार को कब्जे का जायजा लेने पहुंचे विधानसभा के अधिकारियों को भी स्थिति देखकर होश उड़ गए। अधिकारियों की टीम के साथ पटवारी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने मौके पर ही रिकार्ड देखकर बताया कि कौन सी जमीन सरकारी है और कौन सी निजी।
अधिकारियों ने कब्जा हटाना शुरू किया
अब अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर हुए कब्जों की रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है और बची हुई खाली जमीन को सुरक्षित रखने के उपायों पर काम शुरू कर दिया है। निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी खाली जमीन बची है, वहां सुरक्षा घेरा बनाकर विधानसभा की अधिकृत जमीन का बोर्ड लगाया जाए।
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इन इलाकों में ज्यादा अवैध बिल्डिंग
राजधानी के आउटर क्षेत्र के कई इलाके जैसे जोरा, पिरदा, लालपुर, गोंदवारा, बीरगांव, भाटांगाव, दतरेंगा और नवा रायपुर के आसपास की कृषि जमीन अवैध कालोनाइजरों के निशाने पर है। यहां किसान से बहुत कम कीमत पर जमीन खरीदकर उसमें प्लॉटिंग कर बेची जा रही है। इस प्रकार की शिकायत सोनल जैन ने भास्कर कार्यालय में की है। उन्होंने बताया कि तिल्दा तहसील के सासा होली गांव में सरकारी जमीन पर अफसरों की मिलीभगत से दुकानें बनाई गई हैं। इसके अलावा, चारामा बागडोगरी गांव में भी अवैध कब्जे की शिकायत की गई है।
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