रायपुर। CG Assembly Budget Session 2023 विधानसभा बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान आज बस्तर में बंद स्कूलों को प्रारम्भ करने की घोषणा का मुद्दा गुंजा। पूर्व नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि जन घोषणा पत्र में क्या बंद स्कूलों को प्रारंभ करने की घोषणा भी की गई थी। दरअसल, प्रदेश में जनवरी 2019 से दिनांक 31 जनवरी 2023 तक कितने नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है। इसमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं व कितने बंद स्कूलों को चालू करने की योजना है।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दिया जवाब देते हुए कहा कि प्रश्नाधीन अवधि में 275 बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है ,इनमें 185 शिक्षक कार्यरत हैं। बीजापुर में 199 स्कूल, कांकेर में 2, सुकमा में 74 बंद स्कूल खोले गए। प्रायमरी स्कूल में 146 और मिडिल स्कूल के 39 शिक्षक हैं, जहां शिक्षक नहीं हैं वहां 12वीं पास लोगों से पढ़ाई करवाई जा रही है। जिसपर जवाब से असंतुष्ट होकर कौशिक ने शिक्षा मंत्री से वर्षवार जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा व्यवस्था की हालात है। 275 स्कूल में सिर्फ 185 शिक्षक हैं।
इस बीच बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि जहां शिक्षक नहीं हैं वहां जो स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की गई है वो कितने हैं। और उसकी शैक्षणिक योग्यता क्या है। इस स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने जवाब दिया और कहा कि जो स्थानीय स्तर पर व्यबलवस्था की गई है उसके मुताबिक सुकमा में 45, बीजापुर में 210 की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की गई है। इनकी सैलरी डीएमएफ फंड से दी जाती है। वहीं इस मामले में सदन में पक्ष के विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।.
छत्तीसगढ़ के बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान का मुद्दा भी उठा
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान को लेकर विपक्ष ने आज सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया और इसपर सरकार को घेरा। शून्यकाल में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने फसल नुकसान को लेकर कहा कि 18 और 19 मार्च को छग में बेमौसम बारिश हुई है और ओलावृष्टि भी हुई है। सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है, इसमे स्थगन दिया है। ग्राह्य करके चर्चा कराया जाए। किसानों के 100 करोड़ के टमाटर खराब हो गए हैं। चना और गेहूं की फसल भी खराब हुई है। सरकार ने अबतक इस पर ध्यान नहीं दिया।
वहीं विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को आसंदी अस्वीकार करते हुए कहा कि इसपर किसी न किसी रूप के चर्चा कराई जाएगी। स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद विपक्ष ने कहा कि अपने आप को किसान हितैषी बताने वाली सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने से भाग रही है। इसी बीच कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन आसंदी ने व्यवस्था कर दी है तो किसी न किसी रूप में चर्चा होगी।
इसके बाद सदन में राजस्व मंत्री ने बारिश और ओलावृष्टि से हुई नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फसल नुकसान होने की सूचना मिली है। रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम सहित सभी जिलों को क्षति के आंकलन का निर्देश दिया गया है। प्रदेश में बिजली गिरने से सात और ओला वृष्टि से एक, इस तरह कुल 8 लोगों की मौत हुई है। राजस्व के नियम 6/4 के तहत सहायता राशि का प्रावधान किया गया है।
प्रावधान के तहत पीड़ितों को 15 दिन के भीतर सहायता राशि दी जाएगी। लेट करने पर सम्बंधित अधिकारी पर फाइन लगाया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में क्षति का आंकलन कार्य शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि आपदा में जिन 8 लोगों की मौत हुई है उनके घर पहुंचकर जितनी जल्द हो सके राजस्व अमला पहुंचकर मुआवजे की 4 लाख की राशि दे दें।
विधानसभा कार्यवाही के कुछ अंश
– प्रश्नकाल में बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने बंद स्कूलों को प्रारम्भ करने की घोषणा का मुद्दा उठाया
– एकलव्य विद्यालयों के निरीक्षण के साथ ही अन्य मुद्दे पर बीजेपी विधायक सरकार की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।
– वॉक आउट के बाद वापस लौटने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों के भवन विहीन होने का मामला उठाया।
– शून्यकाल में बीजेपी ने बेमौसम बारिश से फसल खराब होने का मामला उठाया। बीजेपी ने सदन में लाया स्थगन प्रस्ताव। विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को आसंदी ने किया अस्वीकार। बीजेपी के हंगामें के बाद सभापति सदन से बाहर निकले। दूसरे तरफ विपक्ष नारेबाजी करता रहा।
– मोर आवास मोर अधिकार का पोस्टर लेकर हंगामा करता रहा विपक्ष।
– स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों से संबंधित बजट अनुदान मांगों पर भी चर्चा हुई।