CG ACB Action: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) राम ललित पटेल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दिलचस्प बात यह है कि वह 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए ट्रैप हो गए।
RTI प्रतिपूर्ति के बदले मांगी थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार, डीईओ ने आरटीआई के तहत मिलने वाली प्रतिपूर्ति राशि के बदले 5 निजी स्कूलों से दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की 10% राशि मांगे जाने वाले स्कूलों में शामिल हैं:
- रामरति पब्लिक स्कूल
- छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, दतिमा
- सरस्वती बाल मंदिर, सोनपुर
- प्रिया बाल मंदिर, भटगांव
- लक्ष्मी विद्या निकेतन, नरोला
शिकायत के बाद ACB का ट्रैप ऑपरेशन
अंबिकापुर ACB टीम को इस मामले की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उन्होंने ट्रैप प्लान बनाया। तय योजना के तहत, पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपये दिए जाने थे।
शिकायत की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार शाम करीब 6 बजे सूरजपुर स्थित कलेक्टोरेट कंपोजिट बिल्डिंग में डीईओ के कार्यालय में उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
कार्यालय और घर पर छापेमारी, दो लाख रुपये और बरामद
ACB की टीम ने जांच के दौरान डीईओ के कार्यालय से दो लाख रुपये नकद और बरामद किए। आशंका जताई जा रही है कि यह रकम अन्य निजी स्कूलों से ली गई रिश्वत हो सकती है।
इसके अलावा, डीईओ के घर पर भी छापा मारा गया, जहां से नगदी, जमीनों के दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और लॉकरों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पहले भी निलंबित हो चुके हैं डीईओ
राम ललित पटेल मूल रूप से बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर के रहने वाले हैं। इससे पहले सितंबर 2023 में उन्हें 34 लाख रुपये की मिलेट्स खरीदी में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित किया गया था। उस समय वे बलरामपुर और सूरजपुर जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार संभाल रहे थे। बाद में बहाली होने पर उन्हें फिर से डीईओ पद पर नियुक्त किया गया था।
ACB ने डीईओ राम ललित पटेल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (7 पीसी एक्ट) के तहत गिरफ्तार कर लिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
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