हाइलाइट्स
-
किसानों के सामने सरकार ने रखा फॉर्मूला
-
नेता बोले- दो दिन में लेंगे फ़ैसला
-
5 घंटे तक चली बैठक
Farmers Protest: केंद्र सरकार आंदोलित किसानों को 4 और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने को तैयार है।
#WATCH | Chandigarh: Union Minister Piyush Goyal says, "The farmers' union will tell us their decision by morning. We will also have discussions with NCCF and NAFED after returning to Delhi…" pic.twitter.com/rSzqom0bMq
— ANI (@ANI) February 18, 2024
रविवार को चंडीगढ़ में देर रात चली चली चौथे दौर की बैठक में सरकार ने पंजाब में किसानों से अगले 5 सालों के लिए MSP पर मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल खरीदने का प्रस्ताव दिया है।
दूसरी तरफ किसानों नेताओं ने इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए सरकार से 2 दिन का समय मांगा है।
सरकार ने दिया किसानों को दिए ये प्रस्ताव
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार चार फसलों पर पांच साल के लिए एमएसपी देने को तैयार है।
-किसानों को पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसियों द्वारा दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद का प्रस्ताव दिया है।
-एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और नैफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर दाल’ या मक्का उगाते हैं। अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी।
-खरीद की मात्रा (Quantity) पर कोई सीमा नहीं होगी यानि अनलिमिटेड होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा।
-सरकार का मानना है कि अलग-अलग फसलों के उत्पादन से पंजाब की खेती बचेगी, भूजल स्तर में सुधार होगा और भूमि को बंजर होने से बचाया जाएगा जिस पर पहले से ही खतरा मंडरा रहा है।
खनौरी बॉर्डर पर होगी किसानों की मीटिंग
केंद्र के प्रस्ताव पर आज खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग होगी। शंभू बॉर्डर से किसान नेता खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं।
हरियाणा CM बोले- उम्मीद है सहमति बन जाए
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा- केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत के बाद किसानों ने 2 दिन का समय मांगा है। हमें उम्मीद है कि जो प्रपोजल किसानों के सामने पेश किया है, उस पर सहमति बन जाए।
खनौरी बॉर्डर पर किसान की हाई अटैक से मौत
सोमवार को खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की हार्ट अटैक से मौत की सूचना है। किसान की पहचान मंजीत सिंह पटियाला निवासी कांगथला गांंव के रूप हुई है और वह भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) से जुड़े थे।
ये किसान आंदोलन के दौरान तीसरी मौत है और इससे पहले शंभू बॉर्डर पर एक किसान और पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी।
आज किसान आंदोलन सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है और प्रदर्शनकारी किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं।
प्रदर्शनकारी किसानों की क्या है मांग?
किसान अपनी कुछ प्रमुख मांगों लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी सबसे बड़ी मांग MSP को लेकर कानून बनाने की है।
इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग भी कर रहे हैं।