नई दिल्ली। उत्तराधिकार संबंधी नियमों Central Employees News 2021 में बदलाव करते हुए भारत सरकार नए नियमों को ला रही है। सातवें वेतनमान की अनुशंसा के आधार पर यह परिवर्तन किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि नए नियम के आने से से कर्मचारियों के उत्तराधिकारी संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
अभी तक नहीं था नॉमिनी का प्रावधान
अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को उत्तराधिकारी के नाम संबंधी सुविधा नहीं दी जाती थी। परंतु अब यह बदलाव द डिपार्टमेंट आफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर द्वारा वित्त मंत्रालय की परामर्श के बाद किया गया है। इन बदलावों का फायदा यह होगा कि नियमों में संशोधन के बाद केंद्रीय कर्मचारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान अपने रिकॉर्ड में उत्तराधिकारी का नाम दर्ज करता है। तो बिना किसी रोकटोक और निर्विवाद रूप से केंद्रीय कर्मचारियों की समूह बीमा योजना, ग्रेच्युटी, जीपीएस बैलेंस आदि के अंतर्गत मिलने वाले लाभ का उत्तराधिकारी को प्रदान कर सकता है।
उत्तराधिकारी का नाम नहीं होने पर सभी को मिलता है मुआवजा
वैसे तो पुराने नियमों में उत्तराधिकारी का नाम ही नहीं दिया जाता था। लेकिन संशोधन के बाद लिए गए फैसले के अनुसार केंद्रीय कर्मचारी द्वारा रिकार्ड में उत्तराधिकारी का नाम घोषित न दिए जाने की कंडीशन में मुआवजे की रकम परिवार के सभी सदस्यों में समान रूप से बांट दी जाएगी।
फॉर्मेट में भी किया गया है संशोधन
उत्तराधिकारी नियम संबंधों में तो बदलाव किया ही गया है। इसके अलावा सरकार ने मुआवजे के भुगतान के संबंध में नामांकन को शामिल करने के लिए सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के साथ संलग्न किए जाने वाले फॉर्म के फॉर्मेट में भी संशोधन किया है। ताकि फॉर्म भरते समय कर्मचारी को कोई दुविधा न हो।
परिवार का सदस्य ही हो सकता है नॉमिनी
उत्तराधिकारी संबंधी जो नियम में नया संशोधन किया गया है। उसमें उत्तराधिकारी के रूप में केवल परिवार के सदस्य का ही नाम दिया जा सकता है। द डिपार्टमेंट आफ पेंशन एंड पेंशनस वेलफेयर ने जो सर्कुलर जारी किया है उसके अनुसार केवल परिवार के सदस्य को ही उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। बाहरी व्यक्ति को इसमें शामिल करने का प्रावधान नहीं है।