Guidelines on Bullying: बच्चों के शरीर का मजाक उड़ाना महंगा पड़ेगा। जल्द ही बच्चों को मोटा, नाटा या काला कहना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
इसके लिये गाइडलाइन (Guidelines on Bullying) तैयार हो गई है। राज्यों के सुझाव मिलते ही इसे फाइनल कर देश के सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा।
स्कूलों में आत्महत्या की ज्यादातर घटनाएं इसी कारण
स्कूलों में आत्महत्या की ज्यादातर घटनाएं बच्चों के साथ हो रही चिढ़ाना/बदमाशी यानी बुलीइंग या साइबर बुलीइंग (Guidelines on Bullying) के कारण होती है।
पीड़ित और आरोपी बच्चों की पहचान व मदद के लिए केंद्र ने विशेषज्ञों की मदद से गाइडलाइन (Guidelines on Bullying) तैयार की है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मदद से पहली बार इसकी परिभाषा तय की गई है।
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हर स्कूल में होगी एंटी बुलीइंग कमेटी
बुलीइंग (Guidelines on Bullying) की घटनाओं पर रोकथाम के लिये हर स्कूल को निगरानी के लिए एंटी बुलीइंग कमेटी बनानी होगी।
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कमेटी बुलीइंग के शिकार बच्चों की जानकारी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड व चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी को देगी, जिससे बच्चे की मदद की जा सके।
ऐसे होगी शिकायत
स्टूडेंटः ई-बालनिदान पोर्टल, पॉक्सो ई-वॉक्स, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल या 1098 पर शिकायत दे सकते है। टीचर या एंटी बुलीइंग (Guidelines on Bullying) कमेटी को शिकायत होती है तो वे इसकी सूचना पुलिस को देंगे।
पैरेंट्सः स्कूल मैनेजमेंट को शिकायत करें। स्कूल के बाहर की घटना पर सबूत के साथ पुलिस, निदान, साइबर क्राइम पोर्टल या 1098 पर शिकायत करें।
कार्रवाई कैसे होगी?
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड केस चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सुपुर्द करेगा। वेलफेयर कमेटी पीड़ित और आरोपी बच्चे की काउंसलिंग करेगी।
गंभीर मामलों में साइबर बुलीइंग (Guidelines on Bullying) में आईटी एक्ट के तहत होगी। यौन शोषण में पॉक्सो एक्ट के तहत होगी।
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पीड़ित बच्चों को ऐसे पहचाने…
1. फिजिकल बुलीइंग में शरीर पर चोट के निशान छुपाने की कोशिश करेंगे।
2. बच्चा घर टूटी-फूटी चीजों के साथ पहुंचेगा या उसका सामान गुम होने लगेगा। अक्सर भूखा लौटेगा।
3. अचानक पढ़ाई में कमजोर हो जाते हैं। स्कूल जाने से कतराएगा।
4. अकेले में रोने लगे या अचानक गुस्सा आने लगे। अकेला रहने लगे।
5. कुछ बच्चे तनाव में अंगूठा चूसने लगते हैं तो कुछ रात को सोते समय बिस्तर में पेशाब कर देते हैं।
6. बिना किसी कारण अचानक पेट दर्द या बीमार होने जैसी समस्या होने लगती है।
शिक्षकों के व्यवहार को लेकर भी निर्देश तैयार
स्कूलों में क्लास रूम, गैलरी, मैदान, आसपास के क्षेत्र और अनकवर्ड एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
सरकार ने बच्चों द्वारा बुलीइंग (Guidelines on Bullying) की शिकायत के दौरान शिक्षकों के व्यवहार के बारे में भी निर्देश तैयार किए हैं।
इसमें बताया गया है कि इस दौरान उन्हें किस तरह का व्यवहार करना है और किस तरह का नहीं? स्कूलों में शिकायत व सुझाव बॉक्स लगाना होगा।
टेक्स्ट मैसेज, वॉयस मेल सिस्टम बनाना होगा। शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई बच्चों को बताना होगा। इससे उनका डर दूर होगा।
आर यू ओके पूछा तो बच्चा ओके ही कहेगा
गाइडलाइन (Guidelines on Bullying) में बताया गया कि बच्चा रो रहा हो या परेशान हो तो यह मत पूछें कि आर यू ओके? ऐसी स्थिति में बच्चा ओके न होते हुए भी ओके ही बोलता है। यह भी नहीं कहना है कि विश्वास नहीं हो रहा।
मैं स्तब्ध हूं। इसकी जगह बोलें- तुम पर भरोसा है। हम तुम्हारी मदद करेंगे। खुद को दोष मत दो। मुझे खुशी है कि तुमने मुझे अपनी समस्या बताई। मैं गंभीर हूं।
आरोपी बच्चे का पक्ष लेने का प्रयास न करें। उसके परिवार या लोगों का महिमामंडन न करें।
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