Advertisment

CBSE Digital Evaluation: डिजिटल तरीके से होगी 10वीं-12वीं आंसर-शीट्स की जांच; समय और मेहनत की होगी बचत, जानें प्रक्रिया

CBSE Digital Evaluation: CBSE ने 10वीं-12वीं की आंसर-शीट्स के डिजिटल मूल्यांकन और 2026 से 9वीं में ओपन-बुक परीक्षा की घोषणा की है। जानें इस बदलाव के फायदे, प्रक्रिया और छात्रों पर असर।

author-image
Shashank Kumar
CBSE Digital Evaluation

CBSE Digital Evaluation

हाइलाइट्स

  • डिजिटल आंसर-शीट मूल्यांकन शुरू
  • 2026 से 9वीं में ओपन-बुक

  • समय और मेहनत दोनों की बचत

Advertisment

CBSE Digital Evaluation: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों, शिक्षकों और परीक्षकों के लिए परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। अब 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल तरीके से होगा। इसे डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली या Onscreen Marking System कहा जा रहा है। इस बदलाव से कॉपियों की जांच का समय घटेगा, पारदर्शिता बढ़ेगी और गलतियों की संभावना काफी कम हो जाएगी।

बोर्ड के मुताबिक, यह बदलाव शिक्षा में तकनीक के बेहतर इस्तेमाल का हिस्सा है और इसका उद्देश्य तेज, सटीक और निष्पक्ष मूल्यांकन करना है। डिजिटल मूल्यांकन के लिए CBSE उन एजेंसियों को हायर करेगा जिनके पास पहले से किसी स्कूल बोर्ड या यूनिवर्सिटी में ऑनस्क्रीन मार्किंग का अनुभव हो।

[caption id="attachment_875700" align="alignnone" width="1095"]CBSE Onscreen Digital Evaluation Process डिजिटल मूल्यांकन का परिचय[/caption]

Advertisment

डिजिटल मूल्यांकन का पायलट प्रोजेक्ट

CBSE गवर्निंग बॉडी की बैठक में तय किया गया कि इस नई व्यवस्था को सभी विषयों में लागू करने से पहले विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे और फीडबैक के आधार पर इसे फुल स्केल पर रोल आउट किया जाएगा। बोर्ड ने इस पूरी परियोजना के लिए 28 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।

2026-27 से 9वीं में ‘ओपन-बुक’ परीक्षा

डिजिटल मूल्यांकन (CBSE Digital Evaluation) के साथ ही CBSE ने एक और बड़ा ऐलान किया है- 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9वीं में ‘ओपन-बुक एग्जाम’ लागू होगा। यह पद्धति गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों में रटने की आदत कम करना और समझ व विश्लेषण क्षमता को परखना है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के विजन के अनुरूप है।

[caption id="attachment_875701" align="alignnone" width="1189"]open book exam open book exam[/caption]

Advertisment

डिजिटल मूल्यांकन (Digital Evaluation) में क्या खास होगा?

  • हाई-स्पीड स्कैनिंग: सभी उत्तर पुस्तिकाओं को हाई-स्पीड स्कैनर से स्कैन किया जाएगा।
  • क्यूआर कोड मैपिंग: हर कॉपी पर यूनिक क्यूआर कोड होगा, जिससे छात्र की पहचान छिपी रहेगी और जांच निष्पक्ष होगी।
  • ऑनलाइन एक्सेस: परीक्षक (Examiner) अपने लॉगिन क्रेडेंशियल से किसी भी लोकेशन से कॉपी चेक कर सकेंगे।
  • मॉडल आंसर और मार्किंग स्कीम: सिस्टम में पहले से मॉडल आंसर और मार्किंग गाइडलाइन उपलब्ध होगी, ताकि जांच एक समान मानकों पर हो।

प्रक्रिया कैसे काम करेगी?

  1. उत्तर पुस्तिकाएं बोर्ड द्वारा तय केंद्रों पर स्कैन होंगी।
  2. स्कैन कॉपी डिजिटल सर्वर पर सुरक्षित रूप से अपलोड की जाएगी।
  3. परीक्षक लॉगिन करके कॉपी चेक करेंगे और अंक डिजिटल रूप से दर्ज करेंगे।
  4. सिस्टम खाली पन्नों को मार्क करने, टिप्पणियां जोड़ने और उत्तर के हिस्सों को हाइलाइट करने की सुविधा देगा।
  5. मॉडरेटर पहले से जांची गई कॉपियों का रिव्यू करेंगे, ताकि रिजल्ट क्वालिटी बनी रहे।

[caption id="attachment_875702" align="alignnone" width="1114"]CBSE Onscreen Digital Evaluation Process of Digital Assessment डिजिटल मूल्यांकन की प्रक्रिया[/caption]

Advertisment

पारंपरिक जांच के मुकाबले फायदे

  • तेज रिजल्ट: डिजिटल जांच में समय की काफी बचत होगी।
  • सटीकता: सिस्टम में ऑटोमैटिक टोटलिंग और एरर अलर्ट की सुविधा होगी।
  • निष्पक्षता: छात्र की पहचान छिपी रहेगी, जिससे किसी भी तरह का पक्षपात संभव नहीं होगा।
  • सुरक्षा: कॉपियों के गुम होने या क्षतिग्रस्त होने का खतरा खत्म होगा।
  • लागत में बचत: लंबी अवधि में प्रिंटिंग, स्टोरेज और लॉजिस्टिक पर खर्च कम होगा।

परीक्षकों और मॉडरेटर की भूमिका

  • परीक्षक (Examiner) को कहीं भी बैठे कॉपी चेक करने की सुविधा होगी, जिससे उन्हें सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • मॉडरेटर (Moderator) चुने हुए उत्तरों और अंकों को दोबारा चेक करेंगे, ताकि जांच में एकरूपता बनी रहे।
  • सिस्टम पिछले अंकों को ऑटोमैटिक हाइड कर देगा, जिससे मॉडरेटर स्वतंत्र रूप से कॉपी का मूल्यांकन कर सकें।

[caption id="attachment_875705" align="alignnone" width="1101"]Process of Digital Assessment डिजिटल मूल्यांकन का उपयोग करके परिणाम निर्माण प्रक्रिया[/caption]

भुगतान और रिजल्ट प्रोसेस

डिजिटल सिस्टम में अंक दर्ज होने के साथ ही ऑटोमैटिक टोटलिंग होगी और रिजल्ट तैयार होगा। डेटा एक्सेल फॉर्मेट में सेव किया जाएगा, जिससे रिपोर्ट बनाना आसान होगा।
परीक्षकों को उनकी जांची गई कॉपियों के आधार पर पारिश्रमिक (Remuneration) का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन होगा और सीधा उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा।

छात्रों के लिए फायदे

  • ऑनलाइन स्कैन कॉपी: छात्र अपनी कॉपी ऑनलाइन देख सकेंगे।
  • आसान रिवैल्यूएशन: यदि कोई छात्र अपने अंकों से असंतुष्ट है तो वह आसानी से रिवैल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकेगा।
  • पारदर्शिता: डिजिटल रिकॉर्ड होने के कारण विवाद और शिकायतों का समाधान तेज़ी से होगा।
  • कम प्रतीक्षा समय: रिजल्ट जल्दी आने से कॉलेज एडमिशन और करियर प्लानिंग में आसानी होगी।

ये भी पढ़ें:  Gold Rate Today 11 Aug: सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट, प्रॉफिट बुकिंग और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का असर, जानें आज के रेट

शिक्षा जगत में बदलाव की शुरुआत

CBSE का यह कदम भारत में परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली में एक नई दिशा देगा। पारंपरिक पेन-पेपर जांच से डिजिटल जांच की ओर बढ़ना न केवल तकनीकी अपग्रेडेशन है, बल्कि यह शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को भी नया आयाम देगा। यह मॉडल (CBSE Digital Evaluation) भविष्य में अन्य राज्य बोर्ड और यूनिवर्सिटी भी अपना सकते हैं, जिससे देश भर में परीक्षा प्रक्रिया और रिजल्ट सिस्टम एकरूप हो सके।

ये भी पढ़ें:  Air India Sale: एयर इंडिया की नमस्ते वर्ल्ड सेल मे 1,499 रुपये से घरेलू किराए शुरू, अंतरराष्ट्रीय यात्रा में भी भारी छूट

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
CBSE board exams CBSE digital evaluation CBSE onscreen marking CBSE open book exam CBSE 2026 changes digital answer sheet checking NEP 2020 exam reforms CBSE class 10 12 results CBSE assessment changes CBSE paper checking system CBSE डिजिटल मूल्यांकन CBSE ऑनस्क्रीन मार्किंग CBSE बोर्ड परीक्षा CBSE 10वीं 12वीं रिजल्ट
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें