CBI Big Raid : कांस्टेबल भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में सात राज्यों में सीबीआई की छापेमारी

CBI Big Raid : कांस्टेबल भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में सात राज्यों में सीबीआई की छापेमारी

CBI Big Raid केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के दो मामलों की जांच के संबंध में मंगलवार को सात राज्यों में 50 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने 30 नवंबर, 2022 को राज्य पुलिस से मामलों की जांच अपने हाथ में लेने के राज्य सरकार के अनुरोध पर दो प्राथमिकी दर्ज की थी।

हिमाचल प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए 27 मार्च, 2022 को आयोजित लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र तारीख से पहले लीक हो गए थे। पता चला कि प्रश्न पत्र लीक से संबंधित आरोपी विभिन्न राज्यों के हैं। अधिकारियों के मुताबिक 5 मई, 2022 को लीक का पता चला और अगले दिन परीक्षा रद्द कर दी गई, जिसके बाद 7 मई को हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया गया।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, ऊना, मंडी, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सिरमौर जिले, बिहार में नालंदा, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय, पटना और नवादा, उत्तराखंड में हरिद्वार और देहरादून, पंजाब में पठानकोट, उत्तर प्रदेश में जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर और लखनऊ, हरियाणा में रेवाड़ी और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई।

आरोप लगाया गया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के बिचौलिए संगठित तरीके से परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने का काम कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि बड़ी रकम के बदले अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र मुहैया कराए गए। इससे पहले राज्य पुलिस द्वारा गग्गल (कांगड़ा), अर्की (सोलन) और भरारी (शिमला) के सीआईडी थाने में तीन मामले दर्ज किए गए थे।

कांस्टेबल के 1,334 पदों के लिए 1,87,476 आवेदन प्राप्त हुए थे। कुल 75,803 अभ्यर्थियों ने शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें से 26,346 अभ्यर्थियों ने 27 मार्च को 11 जिलों के 81 केंद्रों पर आयोजित लिखित परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। एसआईटी ने जांच के दौरान प्रिंटिंग प्रेस के मालिक, कर्मचारियों, कोचिंग सेंटर के मालिकों, सरगना, एजेंट, अभ्यर्थियों के परिवार के सदस्यों और अभ्यर्थियों सहित लगभग 253 लोगों को गिरफ्तार किया और 150 से अधिक आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया।

राज्य पुलिस की जांच के अनुसार, लीक में कई गिरोह शामिल थे और इके अलावा आपराधिक अतीत वाले लोग, इंजीनियर और रेलवे तथा आयकर विभाग में काम करने वाले कुछ लोग भी शामिल थे।

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