जबलपुर। MP Nursing College Fraud: बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े (MP Nursing Collage News) मामले में आज बुधवार को हाइकोर्ट (Jabalpur News) में हुई सुनवाई में सीबीआई (CBI) की ओर से कुल 308 कॉलेजों की बन्द लिफाफे में रिपोर्ट पेश की गई। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी (MP Medical University) से संबद्ध 50 कॉलेजों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की रोक होने से उनकी जांच नहीं की जा सकी है।
Mpnews:भोपाल में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े मामले से जुड़ी बड़ी खबर, मामले में CBI ने पेश की 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट#mpnews #madhyapradeshnews #MadhyaPradesh #bhopalnews pic.twitter.com/VwmvWFL4NJ
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308 कॉलेजों की लिफाफा बंद रिपोर्ट
आज की सुनवाई में सीबीआई ने यूनिवर्सिटी से संबद्ध लगभग 308 कॉलेज की जांच के रिपोर्ट भी पेश की है। गौरतलब है कि अभी सीबीआई द्वारा जिन नर्सिंग कॉलेजों की जांच की गई है। वे मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (University of Medical Sciences) से संबंधित नर्सिंग कॉलेज हैं और नर्सिंग के डिग्री कोर्स संचालित करते हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
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इसके पहले 200 कॉलेजों की पेश हुई थी रिपोर्ट
इसके पहले हुई सुनवाई में प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े को लेकर (CBI report on nursing collage fraud) दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। उस समय सीबीआई ने 200 से अधिक कॉलेजों जी जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की थी।
CBI को दी थी 15 दिन की मोहलत
सीबीआई (CBI) ने कोर्ट को बताया था कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध लगभग 50 नर्सिंग कॉलेजों की जांच होना शेष है। कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। साथ ही दो सप्ताह बाद इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख तय की गई थी। कॉलेजों की अधोसंरचना के साथ सीबीआई माइग्रेटेड और डुप्लिकेट फैकल्टी के मुद्दे की भी जांच कर रही है। इंदौर और ग्वालियर बेंच से से स्थानांतरित होकर आईं याचिकाओं पर अब मुख्यपीठ जबलपुर में सुनवाई हुई थी। बता दें कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से पिछले साल यह मामला दायर किया गया था।
नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को दी थी चुनौती
जिसमें प्रदेश में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागजों में संचालित हो रहे थे। अधिकांश कॉलेजों की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं थी।
चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे कॉलेज
कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे है। ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है। बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा एक ही फैकल्टी को कई कॉलेजों में दर्शाया गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है।
सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम कर रही जांच
मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों के घोटालों (MP Nursing College Fraud) की हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम इसकी जांच कर रही है। प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की शुरू हुई जांच को लेकर सीबीआई सूत्रों के हवाले से पता चला कि ये घोटाले इतने बड़े हैं कि इनकी जांच में काफी वक्त लग सकता है। इसलिए हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों का और समय दिया था, ताकि जांच पूरी हो सके। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी को होनी है।
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