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नई दिल्ली: अगर आप भी ऑनलाइन Card Tokenisation शॉपिंग के शौकीन हैं। डिजिटल पेमेंट आपकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है तो ये खबर आपके लिए है। जी हां डिजिटल पेमेंट के इस दौर में ऑनलाइन ठगी भी बढ़ने लगी है। इसकी सुरक्षा को देखते हुए रिजर्व बैंक ने 8 जनवरी, 2019 को एक नई गाइड लाइन जारी की थी। अगर आपको नहीं पता तो हम आपको बताते हैं। डेटा सिक्योरिटी और ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस गाइड लाइन के अनुसार देश में अब डिजिटल पेमेंट का तरीका बदलने वाला है। इसके लिए रिजर्व बैंक कार्ड टोकनाइजेशन को लागू करने वाला है।
क्या है 'कार्ड टोकनाइजेशन'
ई-कॉमर्स वेबसाइट से शॉपिंग करते समय अभी CVV नंबर डालना होता है। इस नंबर के माध्यम से ई कॉमर्स वेबसाइट के पास आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी डिटेल पहले से स्टोर होती है। लेकिन आगे की जाने वाली इस व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा। इससे ई कॉमर्स वेबसाइट्स आपके कार्ड की जानकारी स्टोर नहीं सकते। बल्कि इसकी जगह पर पेमेंट 'टोकन सिस्टम' के माध्यम से किया जा सकेगा।
टोकनाइजेशन एक ऐसा तरीका होगा जिसमें आपको अपनी कार्ड डिटेल्स नहीं डालना होगी। बल्कि इसके स्थान पर एक यूनीक ऑल्टरनेट नंबर होगा। इसे ही टोकन' कहते हैं। ये टोकन आपके कार्ड से लिंक होगा। जिसके इस्तेमाल से आपकी कार्ड डिटेल्स सुरक्षित रहती है। किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे- अमेजॉन या फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग के बाद पेमेंट करेंगे तो आपको अपना 16 अंकों का कार्ड नंबर नहीं डालने की जगह टोकन नंबर डालना होगा।
अगले वर्ष से नियम होगा लागू
प्रत्येक मर्चेंट के लिए अलग से टोकन नंबर दिया जाएगा। जिसके लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट का कार्ड पेमेंट कंपनियों से एग्रीमेंट करना होगा। ग्राहकों के साथ लगातार हो रहे फ्रॉड को देखते हुए उनकी सिक्योरिटी को ध्यान में रखना बहुत जरूरी था। इ​सलिए रिजर्व बैंक किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है। टोकेनाइजेशन के जरिए ही ऑटो डेबिट पेमेंट भी हो सकेगा। ये नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएंगा। यानी नए साल से कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी ग्राहकों के कार्ड डिटेल्स को सुरक्षित नहीं कर पाएंगीं।
टोकन कहीं और इस्तेमाल नहीं हो सकेगा
ई-कॉमर्स मर्चेंट और पेमेंट प्रोवाइडर के बीच जारी किए गए टोकन कहीं और उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इससे फ्रॉड की आशंका बहुत कम हो जाएगी। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल भी होगी। टोकन आईडी एक तरह से UPI की ID के जैसे ही होगी। जिसमें ग्राहक अपनी जानकारी साझा किए बिना पेमेंट कर पाएंगे। ग्राहक के कार्ड्स को केवल इस टोकन से लिंक किया जाएगा।
ऑटो डेबिट के बदलेंगे नियम
टोकनाइजेशन के साथ—साथ डिजिटल पेमेंट के नियम भी बदलेंगे। 1 अक्टूबर, 2021 से आपके डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के ऑटो डेबिट पर एडिशनल फैक्टर ऑटेंथिकेशन के नियम लागू हो जाएंगे। कई सारे यूटिलिटी पेमेंट पर अपने आप होने वाला ऑटो डेबिट बंद हो जाएगा।
किसी भी प्रकार के ​डेबिट करते समय ग्राहक से पूछना जरूरी होगा।जैसे अभी आप शॉपिंग के बाद एक तय राशि तक की पेमेंट कार्ड को टैप करके कर सकते हैं। लेकिन अक्टूबर के बाद आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको पेमेंट ऑथेंटिकेशन करना होगा। यानी कोई OTP वगैरह भी बताना होगा।
5 दिन पहले देना होगा नोटिफिकेशन
बैंकों को पेमेंट कराने की ड्यू डेट से 5 दिन पहले ग्राहक को मैसेज करके एक नोटिफिकेशन भेजना होगा। जाकि ग्राहक को डेविट होने की जानकारी पहले से रहे और इस पर उनकी सहमती भी जरूरी होगी। तभी पेमेंट हो सकेगा।
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