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India Canada Row: निज्जर हत्याकांड मामले में भारत की सख्ती के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर ढीले पड़ रहे हैं। वह लगातार अपने बयान बदल रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा था कि वह भारत से किसी भी तरह का तनाव नहीं चाहते। इस मसले पर वह भारत का साथ चाहते हैं और उसके साथ रचनात्मक संबंध जारी रखना चाहते हैं। मगर इस पूरे मामले में अमेरिका की पैनी नजर है। वह इस मामले को पूरे लगातार फॉलो कर रहा है और भारत से जांच में सपोर्ट का रिक्वेस्ट कर रहा है।
दरअसल, जब से कनाडा ने भारत पर आरोप लगाया है। तब से अमेरिका इस मामले पर बयान दे रहा है। इस बीच फिर व्हाइट हाउस ने कहा है कि निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता को लेकर कनाडा के आरोप गंभीर हैं और इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में जांच आगे बढ़नी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हमने भारत सरकार से इस जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।
18 सितंबर को ट्रूडो ने भारत पर लगाया था आरोप
बता दें कि इसी साल 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2020 में भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित किया था। 18 सितंबर को पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर इसका आरोप लगाया था। कनाडा की संसद में पीएम ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ हो सकता है। भारत ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। भारत ने कहा था कि कनाडा का बयान राजनीति से प्रेरित है। भारत ने पीएम ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताया था।
विवाद के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास
ट्रूडो के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई है। भारत की सख्ती के बाद कनाडाई पीएम के तेवर धीरे-धीरे नरम होने लगे। कई मौकों पर उन्होंने कहा कि वह भारत से जांच में सहयोग की मांग करते हैं। भारत ने भी कहा कि कनाडा इसको लेकर कोई पुख्ता सबूत पेश करे तो भारत इस पर विचार करने के लिए तैयार है।
अमेरिका ने कनाडा के आरोपों को बताया गंभीर
बता दें कि पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन के बीच मुलाकात हुई थी। वहां भी इस मुद्दे पर बात हुई थी। व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की गई। दोनों देश अपने स्तर पर इस मसले को सुलझाएं। मगर ये आरोप गंभीर हैं, इनकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए। हमने पहले भी कहा है, हम भारत से उस जांच में सहयोग करने का आग्रह करते हैं।
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