हाइलाइट्स
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8 जून तक प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर दर्ज करेंगे फीस का ब्यौरा
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प्राइवेट स्कूलों में चल रही किताबों की जांच के लिए चलेगा अभियान
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फीस एक्ट के पालन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
Private School Ki Manmani: मध्य प्रदेश के जबलपुर में प्राइवेट स्कूल और बुक पब्लिशर के गठजोड़ के खुलासे के बाद अब मोहन सरकार एक्शन में आ गई है।
प्राइवेट स्कूल की मनमानी रोकने और दोषियों पर कार्रवाई करने 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान जांच में यदि फर्जी किताबें मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर कमिश्नर को सौंपेंगे रिपोर्ट
इस संबंध में 30 मई को स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education Department) की उप सचिव मंजूषा राय ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को आदेश जारी कर दिया है।
अभियान के तहत की गई कार्रवाई की एक रिपोर्ट कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को भी सौंपनी है।
8 जून तक देना होगा फीस का ब्यौरा
8 जून तक सभी प्राइवेट स्कूलों (Private School Ki Manmani) को पोर्टल पर फीस सहित अन्य विषयों की जानकारी अपलोड करना होगी।
ऐसा नहीं करने वाले स्कूल संचालकों और प्राचार्यों पर फीस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ISBN चेक करेंगे अधिकारी
पुस्तकों के लिए 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान अधिकारी ISBN नंबर चेक करेंगे।
प्राइवेट स्कूलों से फीस एक्ट का पालन कराएं कलेक्टर: फर्जी बुक्स की जांच के लिए 30 जून तक चलेगा अभियान, होगी कार्रवाई#Privateschools #School @CMMadhyaPradesh @jabalpurdm @JansamparkMP @paalakmahasangh @NEYU4INDIA @MPYuvaShakti
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यदि ये नंबर डुप्लीकेट या फर्जी पाया जाता है तो पब्लिशर और विक्रेता पर कार्रवाई की जाएगी।
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्रवाई बनी मिसाल
दरअसल प्राइवेट स्कूल (Private School Ki Manmani) पर शिकंजा कसने जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्रवाई मिसाल बनी है।
सक्सेना ने 11 निजी विद्यालयों की जांच कराकर वहां फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें चलाने और 81.30 करोड़ रुपए की ज्यादा वसूली गई फीस कराने तथा 22 लाख की पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई की है।
इसके साथ ही इन विद्यालयों के 20 प्राचार्यों, चेयरमैन, सीईओ, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी की गई है।
जबलपुर कलेक्टर की कार्यवाही के बाद दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर और शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर ने भी जिले के विद्यालयों की जांच शुरू कराई हैं।
पालक महासंघ ने उठाए ये सवाल
1. फर्जी बुक पाए जाने पर सिर्फ पब्लिशर और विक्रेता पर ही कार्रवाई की बात, स्कूल संचालकों पर हमदर्दी क्यों?
2. जो जानकारी स्कूलों को सत्र शुरु होने से 90 दिन पहले देने थी, उसके लिए फिर समय दिया गया है। एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं?
कानून के दायरे में होना था आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग के इस आदेश पर पालक महासंघ ने ऐतराज जताया है।
दरअसल पालक महासंघ ने कहा कि कोई भी आदेश फीस एक्ट के तहत जारी होना चाहिए।
सत्र के 90 दिन पहले फीस संबंधी ब्यौरा दिये जाने का नियम है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है।
जुर्माना लगाने कि जगह 8 जून तक समय दिया गया, जिसका एक्ट में कहीं कोई प्रावधान है ही नहीं।