Lok Sabha Election 2024: बसपा सुप्रीमो मायावती का आज जन्मदिन है। बहनजी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी की आगे की रणनीति साफ कर दी। मायावती ने कहा कि बसपा आगामी लोकसभा चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
#WATCH | Congress leader Pramod Tiwari says "BSP chief Mayawati has refused to join the INDIA alliance, before the elections. She said that she would have a post-poll alliance but today's political scenario is such that all opposition parties should have come together to fight… pic.twitter.com/iuyFR3HE01
— ANI (@ANI) January 15, 2024
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा और उन्हें गिरगिट करार दिया। उन्होंने चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए।
गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है
ईवीएम में धांधली को लेकर मायावती ने कहा, “ईवीएम में काफ़ी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है। ईवीएम में धांधली को लेकर आवाज़ें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगा, ऐसी उम्मीद है।
गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है। इसी वजह से देश में ज़्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती है। चुनाव बाद गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है। ”
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लोकसभा चुनाव पूरी दमदारी से लड़ेंगे
मायावती ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के लिए मेहनत जरूरी है। लोकसभा का चुनाव पूरी दमदारी से लड़ेंगे। अकेले लड़ेंगे। बसपा से कई पार्टियां गठबंधन करना चाहती हैं। मगर हम सभी पार्टियों से दूरी बनाकर रखेंगे। हालांकि, चुनाव के बाद सरकार में शामिल हो सकते हैं।
गठबंधन में BSP का वोट तो दूसरी पार्टियों को मिलता है, मगर हमें नहीं मिलता है। 1993 और 1996 में BSP के गठबंधन का फायदा सपा, कांग्रेस को मिला था। 2002 में बसपा अकेले चुनाव लड़कर 100 सीट जीती थी।’
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INDIA गठबंधन को क्लियर NO
मायावती ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने के कयासों पर भी विराम लगा दिया। मायावती ने साफ कहा कि बसपा लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी। बसपा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।
हालांकि, उन्होंने चुनाव बाद गठबंधन का विकल्प भी खुला रखा। बसपा प्रमुख ने गठबंधन नहीं करने की वजहें भी बताईं और कहा कि पार्टी का नेतृत्व दलित हाथ में है। हमारा वोट तो सहयोगी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है लेकिन दूसरी जातियों का वोट बसपा को नहीं मिलता।
उन्होंने पिछले चुनावों में गठबंधन का उदाहरण भी दिया और अकेले चुनाव लड़कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी उदाहरण दिया।
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